अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और प्राण प्रतिष्ठा समारोह अगले साल 22 जनवरी को होगी। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 15 से 24 जनवरी तक अनुष्ठान होगा और इस दौरान प्राण प्रतिष्ठा भी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आने का समय तय हो गया है। वे 22 जनवरी को आएंगे और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा भी होगी...इसके लिए सभी को आमंत्रित किया गया है। मंदिर ट्रस्ट ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद राम लला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू करने और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (प्रतिष्ठा) का 10 दिवसीय अनुष्ठान करने का निर्णय लिया है।
एक विशेष साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी के मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर में हर वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे सूर्य की किरणें श्रीराम की मूर्ति पर पड़ें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गर्भ गृह में दो मूर्तियां होंगी - एक चल और एक अचल... एक श्रीराम की बाल्यावस्था की और दूसरी रामलला की। उन्होंने कहा कि भगवान चार या पांच वर्ष की आयु के होंगे और मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी। उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लगभग सवा लाख दर्शनार्थियों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।
एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने अगले वर्ष लोकसभा चुनावों से पहले हो रहे इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का राजनीतिक असर होने की संभावना से इनकार नहीं किया। नवंबर 2019 में उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला देते हुए केंद्र सरकार को निर्देशित किया था कि वह तीन माह के भीतर मंदिर निर्माण के लिए एक न्यास की स्थापना करे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 फरवरी 2020 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की घोषणा की। मिश्रा न्यास के सदस्य होने के साथ ही मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भी हैं। मिश्रा ने कहा कि मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लेने के साथ ही मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लेने की योजना बनी थी और निश्चित ही यह कार्य तय समय में पूरा हो जाएगा।