केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के पूर्व गृह सचिव दीप्ति विलास को रामपुर तिराहा गोलीबारी मामले में विशेष अदालत में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में मंगवाल को पेश किया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शक्ति सिंह ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख तय की है। सीबीआई के अभियोजन अधिकारी धारा सिंह ने मंगलवार को पीटीआई-को बताया कि सीबीआई के अनुरोध पर उप्र के तत्कालीन गृह सचिव दीप्ति विलास ने 1994 में रामपुर तिराहा में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 19 पूर्व पुलिसकर्मी अदालत में भादस की धारा 376 (बलात्कार) समेत अन्य धाराओं के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं। दो अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस की गोलीबारी के दौरान सात उत्तराखंड कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी और महिला कार्यकर्ताओं के साथ बलात्कार किया गया था।
उस वक्त कार्यकर्ता अलग उत्तराखंड राज्य के समर्थन में ऋषिकेश से दिल्ली जा रहे थे। नौ नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को काटकर उत्तराखंड का गठन किया गया था।