अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों में अफस्पा की अवधि आगामी एक अक्टूबर से अगले छह महीने तक के लिए बढ़ा दी गई. अफस्पा अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों को कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की शक्तियां प्रदान करता है.
अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ जिलों और थाना क्षेत्रों में अफस्पा कई सालों से लागू है और समय-समय पर इसकी अवधि बढ़ाई जाती रही है.
कई इलाके ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा-3 द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 24 मार्च को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में घोषित किया था.
कानून-व्यवस्था की समीक्षा
गृह मंत्रालय के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है. अब अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तथा नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थाना क्षेत्रों को एक अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है.
छह महीने के लिए बढ़ाया अफस्पा
एक अलग अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 मार्च 2023 को एक अधिसूचना के माध्यम से नगालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों को एक अप्रैल 2023 से छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया था. मंत्रालय के अनुसार, नगालैंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति की फिर से समीक्षा की गई है. इसलिए अब नगालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों के अलावा उन इलाकों को छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है.