New Delhi: पृथ्वी पर जीवन ने कैसे लिया आकार? एस्टेरॉयड बेन्नू खोलेगा रहस्य, 7 साल की यात्रा कर लौटा NASA का कैप्सूल

New Delhi: पृथ्वी पर जीवन ने कैसे लिया आकार? एस्टेरॉयड बेन्नू खोलेगा रहस्य, 7 साल की यात्रा कर लौटा NASA का कैप्सूल

वॉशिंगटन: अंतरिक्ष की अतल गहराइयों से क्षुद्रग्रह नमूनों को लेकर नासा का पहला अंतरिक्ष कैप्सूल सात साल की यात्रा पूरी कर रविवार को उताह रेगिस्तान में उतरा. पृथ्वी के पास से गुजरते हुए, ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने कैप्सूल को 63,000 मील (100,000 किलोमीटर) दूर से छोड़ा. लगभग चार घंटे बाद यह कैप्सूल पैराशूट के जरिये सेना के उताह परीक्षण एवं प्रशिक्षण रेंज में उतर गया.

वैज्ञानिकों को बेन्नू नामक कार्बन-समृद्ध क्षुद्रग्रह से कम से कम एक कप मलबा मिलने का अनुमान है. हालांकि, जब तक कंटेनर को खोला नहीं जाता, उसमें मिलने वाली सामग्री के बारे में पुष्ट तरीके से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. क्षुद्रग्रह के नमूने वापस लाने वाला एकमात्र अन्य देश जापान दो क्षुद्रग्रह मिशन से केवल एक चम्मच मलबा ही एकत्र कर सका था.

रविवार को पहुंचे क्षुद्रग्रह के नमूनों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को 4.5 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल की शुरुआत के संबंध में और बेहतर ढंग से यह समझने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी और जीवन ने कैसे आकार लिया. ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने 2016 में अपना मिशन शुरू किया था और इसने बेन्नू नामक क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचकर 2020 में नमूने एकत्र किए थे. इन नमूनों को सोमवार को ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में ले जाया जाएगा.

ओसिरिस-आरएक्‍स मिशन द्वारा लिए गए ये नमूने महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बेन्‍नू जैसे क्षुद्रग्रह हमारे सौर मंडल के शुरुआती इतिहास के लिए “टाइम कैप्सूल” के रूप में कार्य कर सकते हैं. क्षुद्रग्रह का नमूना शोधकर्ताओं को यह जानने में मदद करेगा कि हमारे ग्रह और सौर मंडल का निर्माण कैसे हुआ, साथ ही उन जीवों की उत्पत्ति कैसे हुई जिनके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ.

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