UP: RSS का डबल डोज फॉर्मूला, धर्मांतरण-लव जिहाद को रोकने के लिए बड़ा प्लान तैयार

UP: RSS का डबल डोज फॉर्मूला, धर्मांतरण-लव जिहाद को रोकने के लिए बड़ा प्लान तैयार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि उत्तर प्रदेश को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का फार्मूला डबल डोज वाला है. संघ गैर हिंदुओं को भी अपना बनाना चाहता है और अपने कोर एजेंडे से भी नहीं बचना चाहता है. एक समाज के लिए आरएसएस अपनी छवि बदलना चाहता है तो दूसरी तरफ सनातनियों को संदेश भी देना है. संघ ने धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. लखनऊ के सरस्वती शिशु मंदिर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ हुई बैठक में धर्मांतरण और लव जिहाद को रोकने पर चर्चा हुई.

संघ प्रमुख भागवत को बताया गया कि यूपी में नेपाल से सटे इलाकों में धर्मांतरण के मामले लगातार आते रहते हैं. विशेष रूप से बहराइच, महाराजगंज, बलरामपुर और श्रावस्ती के नेपाल सीमा से लगे गांवों में ये सब सुनियोजित तरीके से हो रहा है. धर्मांतरण को लेकर उठे सवालों के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शहरों के साथ गांवों में भी फोकस करना चाहिए. इसके लिए हिंदू समाज को जागरूक करने की जरूरत है.

ग्रामीण इलाकों में संघ के कार्यकर्ता फोकस करें- भागवत

संघ के प्रचारकों से कहा गया कि इन इलाकों में सघन जागरूकता अभियान चलाया जाए. आरएसएस प्रमुख की तरफ से निर्देश दिया गया कि ग्रामीण इलाकों में संघ के कार्यकर्ता फोकस करें. फैसला हुआ कि लोगों से प्रचारक लगातार संवाद बनाएं और साथ ही सामाजिक धार्मिक कार्यक्रम भी लगातार चलता रहे. पिछले दो दिनों से आरएसएस के अवध प्रांत की बैठक चल रही है. रविवार को बैठक का तीसरा और आखिरी दिन रहा.

अवध प्रांत के नगर कार्यवाह और सह नगर कार्यवाह, विभाग प्रचारकों की बैठक में मोहन भागवत ने कहा कि खासतौर पर नौजवान छात्रों को हर धर्म के बारे में जानकारी होनी चाहिए. सनातन के साथ साथ उन्हें इस्लाम और ईसाई धर्म और उससे जुड़ी परंपराओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए. जागरूकता से ही धर्मांतरण को रोका जा सकता है.

यूपी में किस तरह से धर्मांतरण हो रहा है? भागवत ने पूछा

बैठक में संघ प्रमुख ने सवाल किया कि उत्तर प्रदेश में किस तरह से धर्मांतरण हो रहा है? इस सवाल के जवाब में प्रचारकों ने बताया कि अब युवाओं के बीच लव जिहाद से धर्मांतरण कराने के मामले बढ़े हैं. संघ प्रमुख भागवत को जानकारी दी गई कि यूपी में अवैध धर्मांतरण को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं. इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों को सजा भी हो चुकी है, लेकिन इस बारे में बहुत कम लोगों को पता है. इसका कहीं कोई प्रचार प्रसार नहीं है. ऐसे में इस कानून के बारे में भी सबको जानकारी दी जानी चाहिए. सभी धर्मों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. कई मामले ऐसे भी आए हैं जब हम अपने लोगों के पास समय पर नहीं पहुंचे या फिर जा नहीं पाते हैं और दूसरे लोग वहां तक पहुंचकर अपने धर्म का प्रचार करने लगते हैं.

उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है, वह खुद हिंदुओं के बीच धर्मांतरण के बारे में बताएं, उन्हें जागरूक करें. सबसे पहला काम हो सबको जागरूक करना. संघर्ष की बजाए संवाद का रास्ता चुनें ताकि संघ को लेकर बेवजह विवाद न खड़ा हो. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि धर्मांतरण के एक-एक मामले की तह में जाना चाहिए. कारण पता होने से ही निराकरण संभव है.

विश्व हिंदू परिषद ने लव जिहाद और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया

मोहन भागवत के लखनऊ दौरे से पहले संघ, बीजेपी और यूपी सरकार की बैठक हुई थी. इससे पहले आरएसएस की अपनी मीटिंग हुई. 19 सितंबर को हुई संघ और सहयोगी संगठनों की बैठक में विश्व हिंदू परिषद ने लव जिहाद और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया था. इसकी रिपोर्ट भी संघ प्रमुख मोहन भागवत के सामने रखी गई. वीएचपी और बजरंग दल स्कूलों और कॉलेजों में धर्मांतरण और लव-जिहाद के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चला रहा है. इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी के साथ सार्वजनिक जगहों को चुना गया है. संघ का पूरा फोकस नए वोटरों पर है. उन्हें हिंदुत्व की लाइन पर लाना है.

संघ के प्रचारकों की विशेष टोली को एक विशेष जिम्मेदारी देने का फैसला हुआ है. प्रचारकों से कहा गया है कि युवा को जाकर बताएं कि टीवी पर ओटीटी और इंटरनेट मीडिया पर गलत कंटेंट, लिव इन रिलेशनशिप की वजह से आपका कितना नुकसान हो रहा है.

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