टीम इंडिया की परेशानी का हल नहीं, द्रविड़ ने ICC के नियम को बताया जिम्मेदार

टीम इंडिया की परेशानी का हल नहीं, द्रविड़ ने ICC के नियम को बताया जिम्मेदार

मोहाली: भारतीय क्रिकेट टीम का ‘थिंक टैंक’ हाल के सालों में और अधिक ऑलराउंडर को खिलाने पर जोर दे रहा है. जिसका लेना देना टॉप ऑर्डर की मौजूदा पीढ़ी का गेंदबाजी नहीं करना है जबकि बीते समय में उनके सीनियर क्रिकेटर ऐसा किया करते थे. भारतीय टीम की अक्षर पटेल या वाशिंगटन सुंदर को मैदान पर उतारने की बेताबी दो चीजों पर आधारित है कि बल्लेबाज इतनी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं. पुछल्ले बल्लेबाज बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं.

तो क्या बदलाव हुआ है?

द्रविड़ ने अपनी टीम में विशेषकर विराट कोहली, रोहित शर्मा, श्रेयस अय्यर और सूर्यकुमार यादव (जो गेंदबाजी नहीं करते) के बचाव में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसा नियम बदलने की वजह से हो सकता है. अचानक से ही आप सर्कल के अंदर चार फील्डर्स से पांच रखने लगे. मुझे लगता है कि इससे कामचलाऊ गेंदबाज की मध्य के चरण में गेंदबाजी करने की काबिलियत में तेजी से बदलाव हुआ है.’’

सूर्यकुमार को कुछ साल पहले मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के लिए बुलाया गया था जिसके बाद से उन्होंने कभी गेंदबाजी नहीं की. सूर्यकुमार से पहले शिखर धवन कभी कभार ऑफ स्पिन किया करते थे लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्हें संदिग्ध एक्शन के लिए बुलाया गया और इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी बिलकुल बंद ही कर दी.

वहीं अगर बीते समय की बात की जाये तो सचिन तेंदुलकर इनस्विंगर, आउटस्विंगर, लेग ब्रेक, ऑफ ब्रेक किया करते थे जिससे उन्होंने 154 वनडे विकेट झटके. सौरव गांगुली ने भी 100 विकेट झटके हैं जबकि युवराज सिंह की गेंदबाजी ने भारत को 2011 विश्व कप जिताने में अहम भूमिका अदा की जिन्होंने 111 विकेट हासिल किए. ये सभी विशेषज्ञ बल्लेबाज शीर्ष पांच बल्लेबाजी क्रम में शामिल थे.

वीरेंद्र सहवाग ने 96 विकेट झटके और सुरेश रैना ने 36 विकेट हासिल किए. द्रविड़ ने कहा, ‘‘अगर आप याद करो और इन नामों (सचिन, सौरव, सहवाग, युवराज, रैना) की गेंदबाजी का जिक्र इस चरण में करो तो इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने तब गेंदबाजी शुरु की जब सर्कल में केवल चार फील्डर्स हुआ करते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस परिस्थिति (सर्कल के अंदर पांच फील्डर्स) में आप कामचलाऊ गेंदबाज गंवा सकते हो और ऐसा हमारे साथ ही नहीं हुआ बल्कि काफी टीमों ने ऐसा किया. अगर आप ध्यान दो तो अन्य टीमों में भी कामचलाऊ गेंदबाजों की संख्या में कमी आई है.’’

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