Inverter AC advantage: गर्मी का मौसम अभी गया नहीं है, और उमस भी बहुत हो रही है. यही वजह है कि लोगों के घरों में अभी भी एसी का इस्तेमाल हो रहा है. कुछ लोग तो खासतौर पर सीज़न के खत्म होने का इंतज़ार करते हैं, ताकि सस्ते दाम पर एसी को खरीदा जा सके. जब लोग एयर कंडिनर की बात करते हैं तो अब कई कैटेगरी और मॉडल को देख कर कंफ्यूज़ भी जाते हैं. पहले हम सिर्फ विंडो और स्प्लिट में ही नहीं तय कर पाते थे कि कौन सा खरीदा जाए, लेकिन अब इन्वर्टर, और नॉन इन्वर्टर एसी को लेकर भी बहुत कंफ्यूजन रहती है कि कौन सा खरीदा जाए, क्योंकि लोग इसके फंक्शन के बारे मे ही नहीं जानते हैं.
इसलिए आज हम आपको बताते हैं कि इन्वर्टर एसी और नॉन-इन्वर्टर एसी में क्या अंतर है? बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि इन्वर्टर एसी में इन्वर्टर लगा होता है, और कई लोग ये भी सोचते हैं कि ये इन्वर्टर पर भी चल सकता है. मगर ये बिलकुल गलत है.
इन्वर्टर एसी कमरे को ठंडा करते समय कंप्रेसर मोटर की स्पीड को ऑटोमैटिक रूप से एडजस्ट करने का काम करती है. जब कमरा तय तापमान पर पहुंच जाता है, तो पूरी तरह से बंद होने के बजाय, कंप्रेसर कम स्पीड पर चला जाता है. जब इसे पता चलता है कि कमरे का तापमान बढ़ गया है तो यह फिर से चालू हो जाता है.
इसका मतलब यह भी है कि आप एसी चालू रख सकते हैं, और इसे बार-बार चालू या बंद करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. इन्वर्टर AC में वेरिएबल स्पीड कंप्रेसर होता है, जबकि नॉन-इन्वर्टर AC में एक फिक्स्ड स्पीड कंप्रेसर मिलता है.
वेरिएबल स्पीड कम्प्रेसर ज़्यादा एनर्जी एफिशिएंट होते हैं, और ये कम शोर करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि नॉन-इन्वर्टर AC के मुकाबले Inverter AC बिजली की 30% तक की बचत कर सकते हैं.