जनपद न्यायाधीश वाराणसी के कोर्ट में पांच वादिनी महिलाओं के केस में समेकित किये गए सात केस समेत आठ याचिकाओं पर आज सुनवाई होगी। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद के मूलवाद में जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और ASI सर्वे में मिल रहे साक्ष्यों के पृथक संरक्षण करने की याचिका पर भी बहस होगी। वहीं मसाजिद कमेटी ने इन याचिका पर अपना विरोध दर्ज कराया है। याचिका पर दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलील पेश करेंगे।
गुरुवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ज्ञानवापी मस्जिद के बजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के श्रृंगार, रागभोग, आरती, स्तवन, पूजन, दर्शन के बिन्दु पर सुनवाई करेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका समेत मूलवाद के सात मुकदमों पर भी जिरह होगी। जिला जज की अदालत में विगत कई दिनों से टल रही मूलवाद पूजा के अधिकार पर आज सुनवाई शुरू होगी। जिसमें शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के दर्शन-पूजन का अधिकार मांगा गया है।
वहीं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के उस वाद पर आदेश संभावित है जिसमें ज्ञानवापी में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के राग-भोग और दर्शन-पूजन का अधिकार मांगा गया है। उधर, इसी अदालत में शैलेंद्र योगी राज की तरफ से दाखिल उस वाद के स्थानांतरण आवेदन पर सुनवाई होनी है। यह श्रावण अधिमास में अधिवक्ता आयुक्त के सर्वे में मिली शिवलिंग जैसी आकृति के राग-भोग संबंधी अर्जेंट वाद दाखिल किया गया है।
साक्ष्यों के संरक्षण की याचिका पर भी फैसला संभावित
मां शृंगार गौरी प्रकरण की चार महिला वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, रेखा पाठक व मंजू व्यास ने ज्ञानवापी परिसर में मिल रहे अवशेष और साक्ष्यों को संरक्षित करने की याचिका पर भी फैसला संभावित है। हालांकि अन्य वादी राखी सिंह की ओर से भी अदालत में प्रार्थना पत्र देकर ज्ञानवापी में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए आदेश जिलाधिकारी को पहले ही दिया जा चुका है। जिला जज 2:30 बजे याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे।