हरदोई: ब्राह्मण महासभा स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा ब्राह्मण व हिंदू धर्म को लेकर दिये गए बयान से नाराज है. इसके विरोध में बुधवार को ब्राह्मण महासभा द्वारा शहर के चौराहे पर स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंका गया और जमकर नारेबाजी की गई. विरोध कर रहे लोगों ने यूपी सरकार से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई कर जेल भेजने की मांग की. बता दें कि विगत19 सितंबर को हरदोई पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक कार्यक्रम के दौरान मंच से हिंदू धर्म व ब्राह्मण विरोधी एक भाषण दिया था. स्वामी प्रसाद के बयानों से नाराज ब्राह्मण महासभा ने यूपी सरकार से तत्काल एक्शन लेने की मांग की है.
बता दें कि हरदोई पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म को नीच बताते हुए ब्राह्मणों को लेकर भी अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया था. स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों से नाराज अखिल भारतीय महासभा ने शहर के सिनेमा चौराहे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला फूंका. ब्राह्मण महासभा के लोगों ने पुतले में स्वामी प्रसाद मौर्य की फोटो लगाकर जूते की माला पहनाई. ब्राह्मण महासभा के पुतला फूंकने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहा.
ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष नीरज अवस्थी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म व ब्राह्मणों को लेकर बयानबाजी से हिंदू धर्म के लोगों व ब्राह्मणों में भारी आक्रोश व्याप्त है. नीरज अवस्थी ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म व ब्राह्मणों को लेकर अपनी बयानबाजी बंद करें नहीं तो उनके मुंह पर काई पोतने का काम किया जाएगा. ब्राह्मण महासभा ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को गिरफ्तार करने की भी मांग की है.
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी हिंदू व ब्राह्मण को लेकर विवादित बयान देते आ रहे हैं. उन्होंने पहले रामचरितमानस पर भी सवाल उठाए थे, जिसके बाद एक बड़ा बवाल खड़ा हो गया था. राजनीति के जानकार कहते हैं कि 2024 का लोकसभा चुनाव है ऐसे में हिंदू धर्म व ब्राह्मणों को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा की जा रही बयानबाजी समाजवादी पार्टी के लिए घातक साबित हो सकती है.
दरअसल, पहले बसपा फिर भाजपा का दामन छोड़ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की बड़ी जीत देख सपा में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य को उसे समय बड़ा झटका लगा जब समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, बीच में काफी अटकलें भी सामने आई थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य वापस भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं, लेकिन इस बार उनकी दाल बीजेपी में नहीं गली. इसके बाद से लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म व ब्राह्मण को अपना निशाना बनाते आ रहे हैं.