केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बुधवार को बताया कि राज्य में पिछले चार दिनों में निपाह का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। वायरस के फैलने से लोगों के लिए खतरा पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि अब तक 323 नमूनों में से 317 का परीक्षण नकारात्मक और छह का परीक्षण पॉजिटिव रहा है। जॉर्ज के मुताबिक, 11 लोग आइसोलेशन में हैं और उनके टेस्ट नतीजे नेगेटिव हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमारे पास छह सकारात्मक मामले थे। एक नौ वर्षीय लड़के की हालत में चिकित्सकीय सुधार हो रहा है और अन्य तीन व्यक्ति, जो पॉजिटिव हैं, उनकी भी हालत स्थिर है।
इससे पहले मंगलवार को, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि कोझिकोड जिले से रिपोर्ट किया गया प्रकोप अब नियंत्रण में है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में संक्रामक बीमारी का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, फिलहाल निपाह प्रकोप की दूसरी लहर की संभावना से इंकार करना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह नहीं कहा जा सकता कि निपाह का खतरा पूरी तरह खत्म हो गया है, लेकिन राहत की बात है कि यह बीमारी अधिक लोगों में नहीं फैली है। उन्होंने कहा, आज यहां निपाह समीक्षा बैठक आयोजित की गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि दूसरी लहर की संभावना बहुत कम है लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।
यह देखते हुए कि राज्य स्वास्थ्य प्रणाली घातक वायरस के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोक सकती है, उन्होंने कहा कि वायरस का शीघ्र पता लगने से खतरनाक स्थिति टल गई। उन्होंने कहा कि हालांकि संक्रमण का प्रसार नियंत्रण में है, लेकिन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी इस बात का स्पष्ट जवाब नहीं दे सका कि उत्तरी कोझिकोड से निपाह के मामले क्यों सामने आ रहे हैं। सीएम ने कहा कि 36 चमगादड़ों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए, लेकिन कोई वायरस नहीं मिला और आने वाले दिनों में और नमूने एकत्र किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस की मदद से पहले संक्रमित व्यक्ति का रूट मैप लिया गया और इन जगहों से चमगादड़ों के नमूने एकत्र कर परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे।