नयी दिल्ली: श्रमिक संगठनों ने सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड से कर्मचारियों को नवीनतम वेतन समझौते के अनुरूप वेतन देने की मांग करते हुए कहा है कि ऐसा न होने पर तीन दिनों की हड़ताल की जाएगी। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) समेत कई श्रमिक संगठनों ने कहा है कि कोल इंडिया के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते (एनसीडब्ल्यूए)-11 के अनुरूप वेतन दिया जाए।
कोल इंडिया ने बुधवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि उसे कई श्रमिक संगठनों ने कंपनी और उसकी अनुषंगियों में पांच से सात अक्टूबर तक तीन-दिन की हड़ताल का नोटिस दिया है। नोटिस देने वाले संगठनों में बीएमएस, एटक, इंटक, एचएमएस (हिंद मजदूर सभा) और सीटू (सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन्स) शामिल हैं। देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी ने कहा कि उसने हड़ताल का नोटिस मिलने के बाद मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) को पत्र लिखकर जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया है। उसने कंपनी और देश के हितों की रक्षा के लिए इस मामले को सुलह के जरिये सुलझाने की मांग की है।
कोल इंडिया के मुताबिक, कोयला उद्योग को सार्वजनिक उपयोग वाली सेवा घोषित किया गया है और बिजली आपूर्ति एवं उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए बिजली संयंत्रों को कोयले की निर्बाध आपूर्ति जरूरी है। श्रमिक संगठनों ने कोल इंडिया के प्रबंधन को भेजे अपने नोटिस में मांग की है कि कोल इंडिया के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों को एनसीडब्ल्यूए -11 के मुताबिक वेतन दिया जाए। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने पांच से सात अक्टूबर तक तीन दिनों की हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है। कोयला मंत्रालय ने जून, 2023 में संशोधित वेतन समझौते को मंजूरी देने की घोषणा की थी। यह समझौता कोल इंडिया के गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के लिए श्रम संगठनों के साथ हुआ था। इस समझौते के तहत कर्मचारियों को एक जुलाई, 2021 से वेतन परिलब्धियों पर 19 प्रतिशत न्यूनतम गारंटीशुदा लाभ और भत्तों में 25 प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान किया गया था।