लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो कहा जाता है, वो किया जाता है। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और परिसीमन दोनों होंगे और बहुत जल्द ही ये दिन आएगा कि सदन में एक तिहाई माताएं यहां बैठकर देश का भाग्य तय करेंगी। उन्होंने कहा कि अभी जो संविधान है, उसमें तीन वर्ग के सांसद यहां चुनकर आते हैं, एक सामान्य वर्ग से आते हैं, जिसमें हमारे ओबीसी भाई भी होते हैं, बहनें भी होती हैं। दूसरा, एससी वर्ग से आते हैं और तीसरा एसटी वर्ग से आते हैं। इन तीनों वर्गों में हमने माताओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण कर दिया है।
अमित शाह ने कहा कि 4 बार इस संसद को, देश की माताओं को हमने निराश किया है। इस बार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हम सब इस विधेयक का समर्थन करें। यश आपका भी है, हमारा भी है और छोटे से छोटे निर्दलीय सांसद का भी है। ये यश सदन का है। हम सब मिलकर इस बिल को पारित करें यही मेरा निवेदन है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें OBC, मुस्लिमों का आरक्षण नहीं है। अगर आप इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो क्या आरक्षण जल्दी होगा? अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं तो कम से कम गारंटी तो देंगे।
राहुल को जवाब
लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं...90 में से कितने लोग ओबीसी समुदाय से आते हैं? मैं जवाब से हैरान और टूट गया...मैं इसका जवाब देना चाहता हूं...केवल तीन सचिव ही ओबीसी समुदाय से हैं। इसके जवाब में अमित शाह ने कहा कि इनके अनुसार देश सचिव चलाते हैं, हमारे अनुसार देश सरकार चलाती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश को लेकर कैबिनेट निर्णय लेती है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में 29 प्रतिशत सांसद ओबीसी के हैं। तुलना करना है तो आ जाइए... मंत्री भी 29 ओबीसी कैटेगरी के हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री दिया गया।