PM Narendra Modi Speech in Parliament Special Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने कई विषयों पर चर्चा की, जिसमें चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी शामिल थी. उन्होंने कहा कि इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है. हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है. पीएम मोदी के भाषण की 10 मुख्य बातें ये हैं:
पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 की सफलता को भारत के लिए एक उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि G20 की सफलता किसी व्यक्ति या दल की नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ भारतीयों की सफलता है. भारत इस बात के लिए गर्व करेगा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन G20 का स्थाई सदस्य बना.
पीएम नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से संसद तक की अपनी निजी यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा कि मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था, लेकिन ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है और भारत के सामान्य मानवी की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा पार्लियामेंट में पहुंच गया.
पीएम मोदी ने संसद में बनाए गए विभिन्न रिकॉर्ड की जानकारी भी साझा करते हुए कहा कि करीब-करीब 7,500 से अधिक जनप्रतिनिधि अब तक दोनों सदनों में अपना योगदान दे चुके हैं. इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसदों ने दोनों सदनों की गरिमा को बढ़ाया है. प्रारंभ में यहां महिलाओं की संख्या कम थी. लेकिन धीरे-धीरे माताओं, बहनों ने भी इस सदन की गरिमा को बढ़ाया है.
पीएम मोदी ने संसद के विशेष सत्र में एक भारत, श्रेष्ठ भारत और विभिन्न उदाहरणों की बात की. उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में माना गया है कि किसी एक स्थान पर अनेक बार जब एक ही लय में उच्चारण होता है तो वह तपोभूमि बन जाता है. नाद की ताकत होती है, जो स्थान को सिद्ध स्थान में परिवर्तित कर देती है. मैं मानता हूं कि इस सदन में 7,500 प्रतिनिधियों की जो वाणी यहां गूंजी है, उसने इसे तीर्थक्षेत्र बना दिया है. लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति आज से 50 साल बाद जब यहां देखने के लिए भी आएगा तो उसे उस गूंज की अनुभति होगी कि कभी भारत की आत्मा की आवाज यहां गूंजती थी.
पीएम मोदी ने देश के सभी नेताओं के योगदान को याद किया. उन्होंने राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और द्रौपदी मुर्मू तक और पीएम जवाहरलाल नेहरू- लाल बहादुर शास्त्री से लेकर चन्द्रशेखर-अटल-मनमोहन तक की चर्चा की. पीएम मोदी ने सरदार पटेल, जेपी, लोहिया, आडवाणी जैसे महान लोगों को भी याद किया.
पीएम मोदी ने श्रमजीवियों, सुरक्षा कर्मियों, पत्रकारों और उनके जैसे अन्य गुमनाम योगदानकर्ताओं के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि ऐसे पत्रकार जिन्होंने संसद को कवर किया, शायद उनके नाम जाने नहीं जाते होंगे लेकिन उनको कोई भूल नहीं सकता है. सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं, भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होंने अपनी शक्ति खपा दी. एक प्रकार से जैसी ताकत यहां की दीवारों की रही है, वैसा ही दर्पण उनकी कलम में रहा है और उस कलम ने देश के अंदर संसद के प्रति, संसद के सदस्यों के प्रति एक अहोभाव जगाया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र में लोकसभा में अपने भाषण में कहा मैं बटुकेश्वर दत्त के कार्यों से लेकर नेहरू जी और अटल जी के शब्दों तक के ऐतिहासिक क्षणों को याद करता हूं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद के विशेष सत्र में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के काम को भी याद किया.
पीएम मोदी ने कहा कि यह संसद भवन हरित क्रांति से लेकर कैश फॉर वोट तक जैसे ऐतिहासिक अवसरों का गवाह रहा है.
पीएम मोदी ने संसद में बनाए गए विभिन्न नए राज्यों का विवरण भी शेयर किया. उन्होंने कहा कि अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ. अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ. वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन में हुआ.