17 सितंबर को PM नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कई कार्यक्रम होंगे। लेकिन, आगरा में जन्मदिन के उपलक्ष्य में अंगदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि देश में यह पहला शिविर होगा। जहां पर 5 हजार से ज्यादा लोगों ने अंगदान की शपथ ली।
उन्होंने कहा कि देश और खासकर यूपी में 2024 तक हर मेडिकल कॉलेज में अंगदान कराने की व्यवस्था को शुरू किया जाएगा। शिविर में 100 से ज्यादा लोगों ने देहदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया गया। वहीं, जो लोग देहदान कर चुके हैं, उनके परिजनों को सम्मानित किया गया।
सुपर स्पेशलिटी का किया वर्चुअल उद्घाटन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अंगदान शिविर में एसएन मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का वर्चुअल उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा। निचले तबके के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
दूसरों को शपथ दिलाने पहले मैंने अंगदान किए
केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो एसपी सिंह ने बताया कि जीआईसी मैदान में सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक शिविर में अंगदान करने वाले लोग रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने और शिविर लगाने के पीछे का मकसद उन्होंने बताया। उन्होंने बताया कि एक इंसान अपने आठ अंग दान कर सकता है। उसके आठ अंग आठ लोगों को नई जिंदगी दे सकते हैं।
जब उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया। उसके बाद नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट डे पर उन्हें एक कार्यक्रम में कुछ लोगों को अंगदान की शपथ दिलानी थी। जब वो वहां पहुंचे तो उन्होंने अंगदान के बारे में जाना।
वहीं पर उन्होंने निर्णय लिया कि वो दूसरों को अंगदान की शपथ दिलाने से पहले खुद शुरुआत करेंगे । उन्होंने वहीं पर अपने आठ अंग रेटिना, किडनी, हार्ट, लीवर, पेनक्रियाज, बोन, लंग्स और टिश्यू को दान कर दिया। इसके बाद उन्हें सदन में जानकारी हुई कि भारत अंगदान करने में दुनिया में बहुत पीछे है। ऐसे में उन्होंने निर्णय लिया कि लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करेंगे।
राज्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में अंगदान करने वालों की संख्या बहुत कम है, जबकि जरूरतमंदों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए 16 सितंबर को आगरा के जीआईसी मैदान में शिविर लगाया जाएगा।
इसमें स्वेच्छा से लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरने के बाद भी एक व्यक्ति आठ लोगों की जान बचा सकता है। भारत में हर साल 1.5 लाख मौत एक्सीडेंट से होती हैं। इसमें से बड़ी संख्या में मामलों में अंगों का उपयोग किया जा सकता है।
परिवार के 36 लोग लेंगे एक साथ शपथ
भाजपा नेता दिगंबर सिंह धाकरे के पिता बहादुर सिंह धाकरे 90 वर्ष की उम्र में 18 वर्ष से अधिक के अपने 36 परिजनों के साथ विशाल अंगदान शिविर में अपने अंगदान करने की शपथ लेंगे। बहादुर सिंह धाकरे ने अपने सभी परिजनों से बात कर यह निर्णय लिया।
उनके परिवार में जो ऐसे बच्चे हैं जिनकी उम्र अभी 18 वर्ष से कम है उनको भी प्रेरित किया। इन परिजनों में उनके पुत्र दिगंबर सिंह धाकरे, पुत्रवधु नीलू धाकरे, दूसरे पुत्र पुत्रवधु तीनों बेटियां उनके दामाद एवं पौत्र प्रपौत्र पौत्री प्रपौत्री और उनके जीवन साथी भी शामिल हैं।