लखनऊ में शनिवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां आलमबाग में पुरानी रेलवे कॉलोनी में एक मकान गिर गया। हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और 3 बच्चे हैं। हादसे का पता उस वक्त चला, जब सुबह मृतक के बेटे को उसका दोस्त बुलाने पहुंचा। उसने घर दरवाजा खटखटाया। मगर, कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
इसके बाद उसने खिड़की से झांक कर देखा, तो मकान की छत गिरी हुई थी। इसके बाद उसने तुरंत इस बारे में मोहल्ले के लोगों को बताया। फिर पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक, खाना खाने के बाद परिवार घर में सो रहा था। रात में करीब 3.30 और 4 बजे के बीच हादसा हो गया। मगर, घटना के बारे में लोगों को सुबह 6-7 बजे के करीब चला। मृतकों की शिनाख्त सतीश चंद्र (40) सलोनी देवी (35) हर्षित (13) हर्षिता (10) अंश (5) के रूप में हुई है।
घरवाले बोले- अगर मकान खाली कर दिए होते तो शायद हादसा न होता
घटना के बाद मृतक के परिजनों और रिश्तेदार मौके पर पहुंचे। मृतक के परिजनों ने बताया कि रेलवे की तरफ से बार-बार खाली करने के लिए कहा जाता था। अगर समय रहते मकान खाली कर दिए होते तो शायद ये हादसा न होता। मृतक सलोनी की मां ने कहा, रविवार को बारिश हो रही थी। उस समय बच्चे घर आ गए थे। अभी तो ये लोग पहुंचे थे। नहीं पता था कि हादसा हो जाएगा।
रिश्तेदारों ने बताया कि हर्षित पढ़ने में होनहार था। वह खेलने में भी अच्छा था। रोज सुबह क्रिकेट खेलने जाता था। वह कहता था कि मैं स्पोर्ट्स कोटे में भर्ती होकर रेलवे में बड़ा अफसर बनूंगा। हर्षित क्लास 6 में पढ़ता था। जबकि उसकी बहन हर्षिता तीसरी क्लास और कृष्णा घर पर ही रहता था।
डीएम बोले- कॉलोनी में 64 मकान थे, सभी को नोटिस जारी किया गया था
हादसे की सूचना पर डीएम सूर्यपाल गंगवार मौके पर पहुंचे। डीएम ने कहा, यहां पर 64 मकान थे। सभी को पहले नोटिस जारी किया गया था। रेलवे के अधिकारियों से बात हुई है। जल्द ही बाकी मकान को खाली करवाया जाएगा। मामले की जांच और घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर डीएम ने कहा कि यह रेलवे का अंदरुनी मामला है। वह लोग इसकी जांच करेंगे और जांच के आधार पर ही कार्रवाई करेंगे।
6 महीने पहले घर खाली करके भाई के घर गया था परिवार
कॉलोनी के लोगों ने बताया कि तकरीबन 6 महीने पहले सतीश घर खाली करके बड़े भाई के घर गया था। जहां भाई ने घर में रखने से मना कर दिया। इसके बाद वह लौटकर वापस आ गया। बड़ा भाई पिता की जगह नौकरी पाया था। इसके बाद से वह आलमबाग स्थित बड़ा बरहा रेलवे कॉलोनी में रहता है। लोगों का कहना है कि भाई अगर घर में रख लेता तो आज ये हादसा न होता।
हादसे के बाद लोग कर रहे कॉलोनी खाली
कॉलोनी में हादसे के बाद कुछ लोग ई रिक्शा पर सामान बांधकर कॉलोनी खाली कर रहे हैं। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन की तरफ से एक बार फिर से सभी कॉलोनी वासियों को घर खाली करने का मौखिक आदेश दिया गया है।रेलवे विभाग के सूत्र बताते हैं कि पूरी जर्जर कॉलोनी को खाली करने का नोटिस 6 महीने पहले आखिरी बार नोटिस दिया गया था। रेलवे के अधिकारियों के आदेश में कहा गया था कि पूरी कॉलोनी को खाली कराया जाए। कॉलोनी बनने का ठेका ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार ने सभी कॉलोनी में रहने वाले लोगों से कहा कि अगले तीन से चार महीने में कॉलोनी को तोड़कर फिर से बनाएंगे। तब तक लोग अपनी कॉलोनी खाली कर दें।
पड़ोसी बाबूलाल ने बताया कि सतीश मेरे साथ प्राइवेट नौकरी करते थे। हादसे के बाद आस-पास के लोगों ने फावड़े से दरवाजा तोड़कर घर में घुसे। इसके बाद मलवा हटाया। मगर तब तक लोगों की मौत हो गई थी।
उत्तर रेलवे की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि रेलवे कॉलोनी में स्थित यह आवास खाली करने के निर्देश दिए गए थे। आवास को तोड़ा जाना था। हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है। मृतक में से कोई भी रेलवे का कर्मचारी नहीं था। घटना की जांच की जा रही है।
अब सबसे बड़ी बात यह है कि रेलवे मृतक को अपना कर्मचारी नहीं मान रहा है। जबकि मृतक आश्रित पर उनको नौकरी मिलने वाली थी।
इंस्पेक्टर आलमबाग शंकर महादेवन ने बताया कि कॉलोनी में मकान गिरने से एक ही परिवार के पांच लोग दब गए। जहां उनकी मौत हो गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आगे की जांच की जा रही है। इधर, सीएम योगी ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने मृतक परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त है। साथ ही अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।