राजभर के लिए महंगी पड़ेगी घोसी की हार, मंत्री पद के दावों पर केशव प्रसाद मौर्य बोले- उन्हें नहीं बोलना चाहिए था

राजभर के लिए महंगी पड़ेगी घोसी की हार, मंत्री पद के दावों पर केशव प्रसाद मौर्य बोले- उन्हें नहीं बोलना चाहिए था

बीते 8 सितंबर को उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव के नतीजे आए तो NDA गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी से उम्मीदवार दारा सिंह चौहान इस चुनाव करीब 42 हजार वोटों से हार गए। हालांकि दारा की हार अब सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के लिए महंगी पड़ रही है। इसकी झलक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान में भी नजर आने लगी है।

दरअसल, सुभासपा और बीजेपी के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इस गठबंधन का एलान होने के बाद घोसी से समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने घोसी विधानसभा से विधायक की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वहां उपचुनाव हुआ तो उन्हें सपा के उम्मीदवार सुधाकर सिंह के सामने 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार मिली।

कई बार दोहराई है मंत्री बनने की बात

हालांकि इन सबके बीच गठबंधन का एलान होने के बाद से ही ओम प्रकाश राजभर लगातार योगी मंत्रीमंडल में शामिल होने का दावा करते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने घोसी उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई बना ली। पूरे उपचुनाव के दौरान सुभासपा प्रमुख के बयानों पर विवाद होते रहा। इस दौरान उन्होंने न केवल चुनाव में जीत का दावा किया, बल्कि कई मौकों पर उन्होंने अपने मंत्री बनने की बात को दोहराई।

चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार ने ओम प्रकाश राजभर का पूरे सपने का बेड़ा गर्क कर दिया। सुभासपा प्रमुख के हवा-हवाई दावे की इस हार के साथ अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने आइना दिखा दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को एक इंटरव्यू में उनके मंत्री बनने के दावे पर जवाब दिया।

मंत्रीमंडल विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार

डिप्टी सीएम ने कहा, मंत्रीमंडल का विस्तार और मंत्री परिषद में किसी को शामिल करना या नहीं करना, ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। इसपर न मैं बोल सकता हूं और न ओम प्रकाश जी को बोलना चाहिए था। न ही इस प्रकार के बात को बोलने का कोई औचित्य नहीं है। मैं ये मानता हूं कि अगर ऐसा कोई विषय होगा तो मुख्यमंत्री जी के ही माध्यम से सुचना मिलेगी।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, कोई भी मंत्री परिषद है उसमें उसका जो मुखिया है वही ये तय करेगा कि उसके मंत्री परिषद में कौन आएंगे। डिप्टी सीएम का ये बयान काफी कुछ कहता है। इनके बयान के बाद अब सियासत का गणित समझने वाले कहने लगे हैं कि राजभर के सपना अभी अधुरा ही रहेगा।

दरअसल, हार के बाद बीते दिनों ओपी राजभर ने फिर से मंत्री बनने का दावा किया था। अब केशव प्रसाद मौर्य का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब वो दिल्ली के दौरे पर हैं और उन्होंने बीजेपी हाईकमान के कई नेताओं से मुलाकात की है।

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