दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का बिगुल बज चुका है। चार साल बाद हो रहे चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सभी प्रमुख छात्र संगठनों ने अपने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है और अब लुभावने वादों के साथ छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने का दौर शुरू हो चुका है। इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के कैंपस में चुनाव प्रचार जोरों से शुरू हो गया है। कॉलेजों की कैंटीन में उम्मीदवार अपने मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं। आकर्षक चुनावी नारे और स्लोगन दिये जा रहे हैं, कैंपस में पर्चे और पोस्टर हर जगह दिखने लगे हैं। कॉलेजों के आसपास की दीवारों पर भी छात्र संगठनों के पोस्टर और बैनर दिखाई देने लगे हैं। भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने छात्र संगठनों के उम्मीदवारों को जिताने के लिए कमर कस ली है और छात्रसंघ के पूर्व विजेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं ताकि वह अपने क्षेत्र में रहने वाले कॉलेज विद्यार्थियों से संपर्क करें। इसके अलावा विभिन्न कॉलेजों में भी छात्रसंघ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, सह-सचिव और काउंसलर पद के लिए चुनाव का मैदान सज गया है। छात्रों के तमाम पैनल छात्र मतदाताओं के समक्ष अपने अपने वादे कर रहे हैं। देखा जाये तो यह चुनाव दिल्ली के मूड़ की ओर भी इशारा करते हैं इसलिए सभी पार्टियां इस प्रतिष्ठित चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाती हैं क्योंकि यह चुनाव प्रदर्शित करते हैं कि दिल्ली के युवाओं के मन में क्या है।
जहां तक उम्मीदवारों की बात है तो आपको बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने 22 सितंबर को होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इस बार एबीवीपी की तरफ से तुषार डेढ़ा को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने सत्यवती कॉलेज से स्नातक किया है और फिलहाल बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह 2015 में एबीवीपी से जुड़े थे। सुशांत धनखड़ एबीवीपी की ओर से उपाध्यक्ष पद के लिये लड़ेंगे। हरियाणा से आने वाले सुशांत धनखड़ राज्य स्तरीय शूटिंग चैंपियन भी हैं। एबीवीपी की ओर से सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहीं अपराजिता उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली हैं। सुशांत धनखड़ और अपराजिता भी बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। एबीवीपी ने सचिन बैसला को संयुक्त सचिव पद के लिये अपना उम्मीदवार बनाया है। वह भी बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है जिसके तहत विधि अंतिम वर्ष के छात्र हितेश गुलिया को डूसू अध्यक्ष पद के लिये अपना उम्मीदवार बनाया गया है। अभी दहिया को एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वह बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। एनएसयूआई की तरफ से 24 वर्षीय यक्षणा शर्मा सचिव पद के लिये उम्मीदवार होंगी। वह ‘कैंपस लॉ सेंटर’ में विधि अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। शुभम कुमार चौधरी एनएसयूआई के संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार होंगे। वह भी बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं।
जहां तक छात्र संगठनों की ओर से किये जा रहे वादों की बात है तो आपको बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम हटाने की मांग से लेकर छात्रावास के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने, छात्रों के लिए दिल्ली मेट्रो के रियायती पास और कॉलेज परिसरों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाने तक के वादे कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि कैम्पस का माहौल उत्साहजनक है और उल्लेखनीय है कि 90 फीसदी छात्र पहली बार चुनाव में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीदवार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और वे कक्षाओं, कैंटीन तथा छात्रावासों में जाने समेत प्रचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए साथी छात्रों के साथ सक्रियता से जुड़ रहे हैं।’’ हम आपको बता दें कि एबीवीपी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ और साउथ कैम्पस में छात्र गर्जना रैली आयोजित की थी जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं जुटे थे। एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि इस रैली का मकसद छात्रों के लिए दिल्ली मेट्रो के रियायती पास, प्रत्येक कॉलेज परिसर में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाना, खेल सुविधाओं और नए छात्रावास में सुधार लाना और कैम्पस के सम्पूर्ण बुनियादी ढांचे में सुधार लाने जैसे अहम मुद्दों पर बातचीत करना था।
दूसरी ओर, कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंस यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय सचिव और मीडिया एवं संचार प्रभारी लोकेश चुग ने कहा कि संगठन भी सक्रियता से प्रचार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रमुख उद्देश्य कैम्पस के बुनियादी ढांचे में सुधार लाना, छात्रावास सुविधाओं जैसे मुद्दों को हल करना और यह सुनिश्चित करना है कि छात्र कैम्पस जीवन का भरपूर आनंद उठाएं।’’ एनएसयूआई के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि वह दो चुनाव घोषणापत्र जारी करेंगे जिसमें से एक ‘‘महिला केंद्रित’’ होगा। उधर, वाम दल से संबद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने कहा कि यह चुनाव चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम पर जनमत संग्रह है। हम आपको बता दें कि छात्र संघ चुनाव चार साल के अंतराल के बाद 22 सितंबर को आयोजित किये जा रहे हैं। पिछली बार चुनाव 2019 में हुआ था उसके बाद से कोविड प्रतिबंधों के चलते यह चुनाव नहीं हो पाया था। डूसू के 2019 में हुए चुनाव में एबीवीपी ने चार में से तीन सीटें जीतीं थी