सुप्रीम कोर्ट इस समय कई अहम मुद्दों पर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। चाहे वह महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष हो, मणिपुर हिंसा हो या अनुच्छेद 370 के तहत याचिका, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसमें जम्मू-कश्मीर को लेकर अनुच्छेद 370 पर याचिका की सुनवाई के दौरान एक वकील ने बड़ा आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट आम आदमी की बात नहीं सुनता। आम लोगों की शिकायतें नहीं सुनी जातीं। अधिवक्ताओं ने दावा किया कि संविधान पीठ केवल हित की याचिकाओं पर सुनवाई करती है। इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचादु ने वकीलों को सख्त शब्दों में सुना।
मिली जानकारी के मुताबिक वकील मैथ्यूज नेदुमपारा ने सुप्रीम कोर्ट को एक ईमेल भेजा था। इस ईमेल में नेदुमपारा ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट केवल संवैधानिक अदालत के मामलों की सुनवाई कर रहा है। संवैधानिक पीठों द्वारा सुनवाई में जनहित के कोई मामले नहीं हैं। यह आम नागरिकों के मामले नहीं सुनता। नेदुमपारा ने कहा कि वह सुनवाई को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने का अच्छा काम करने के लिए अदालत को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि इससे वकीलों और वादकारियों को काफी फायदा हुआ है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसे श्री नेदुमपारा के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। पीठ ने बताया कि महासचिव ने मुझे सुप्रीम कोर्ट को लिखे ईमेल के बारे में सूचित किया है। नेदुमपारा ने अदालत की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट को ईमेल करने की बात स्वीकार की। साथ ही उक्त दावे करने की बात भी स्वीकार की। तो आप इस बात को अपने दिमाग से निकाल दीजिये।