New Delhi: Kashmir में Terrorists और उनके मददगारों के सफाये के लिए सुरक्षा बलों और जांच एजेंसियों का दनादन एक्शन जारी

New Delhi: Kashmir में Terrorists और उनके मददगारों के सफाये के लिए सुरक्षा बलों और जांच एजेंसियों का दनादन एक्शन जारी

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान हमारे कुछ जवानों के शहीद हो जाने के बाद से सुरक्षा बलों और जांच एजेंसियों ने आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान छेड़ दिया है। ढूँढ़-ढूँढ़ कर आतंकवादी मारे जा रहे हैं, आतंकवादियों के हमदर्द और उनके मददगारों का भंडाफोड़ कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है और साथ ही सीमा की सुरक्षा का भी जायजा लिया जा रहा है। जहां तक हालिया कार्रवाई में आतंकवादियों के मारे जाने की बात है तो आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास शनिवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। कश्मीर पुलिस ने बताया कि बारामूला जिले के सीमावर्ती इलाके हथलंगा के उरी क्षेत्र में शनिवार सुबह मुठभेड़ छिड़ गई। पुलिस के मुताबिक, क्षेत्र में तलाश अभियान जारी है। कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया, “बारामूला जिले के हथलंगा में उरी के सीमावर्ती इलाके में आतंकवादियों और सेना एवं बारामूला पुलिस के जवानों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई है।” बाद में दी गई जानकारी में बताया गया कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए और इलाके में तलाश अभियान जारी है। हम आपको बता दें कि यह मुठभेड़ ऐसे समय में हो रही है, जब अनंतनाग जिले के जंगलों में डेरा डालने वाले आतंकवादियों को काबू में करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।

बीएसएफ ने लिया जायजा

दूसरी ओर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के विशेष महानिदेशक (एसडीजी) वाईबी खुरानिया ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा का दौरा किया और बल द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। खुरानिया जम्मू के अग्रिम इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को पहुंचे थे। बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि बीएसएफ के महा निरीक्षक डीके बूरा ने क्षेत्र में बीएसएफ जवानों की तैनाती और मजबूत स्थिति सहित सीमा सुरक्षा से जुड़े सभी अहम पहलुओं पर एसडीजी को एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रवक्ता के मुताबिक, खुरानिया सांबा सेक्टर पहुंचे, जहां उन्हें उन खतरों के बारे में जानकारी दी गई, जिनका सामना बीएसएफ कर रहा है। इन खतरों में सुरंगों की खुदाई से लेकर सीमा पार से तस्करी शामिल है। इसके अलावा, खुरानिया को सीमा पार से आने वाले ड्रोन से जुड़े खतरों के बारे में भी अवगत कराया गया। खुरानिया ने जवानों को संबोधित किया और सीमा पर हर वक्त चौकन्ना रहते हुए ड्यूटी करने के लिए उनकी सराहना की।

आतंकियों के मददगार गिरफ्तार

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए आतंकवादियों के दो मददगारों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से हथियार एवं गोला बारूद बरामद किया गया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर कश्मीर के बारामूला में उरी इलाके में लश्कर के दो आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने दोनों की पहचान मीर साहिब बारामूला निवासी जैद हसन मल्ला और स्टेडियम कॉलोनी बारामूला के मोहम्मद आरिफ चन्ना के रूप में की है। प्रवक्ता ने कहा कि उनकी तलाशी के दौरान दो ग्लॉक पिस्तौल, दो मैगजीन, पिस्तौल के दो साइलेंसर, पांच चीनी ग्रेनेड तथा 28 कारतूस बरामद किये गये। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वे पाकिस्तान में बसे आतंकी आकाओं के कहने पर हथियारों तथा गोला बारूद की सीमापार तस्करी में और इन्हें आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर आतंकवादियों को पहुंचाने में शामिल थे।’’ उन्होंने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे जांच जारी है।

एसआईए की छापेमारी

दूसरी ओर, विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के आतंकवादियों के प्रयासों की जानकारी मिलने के बाद जिले के ऊपरी इलाकों में छापे मारे। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा एसआईए के जांचकर्ताओं ने पौनी और माहौर तहसील में छापेमारी इन खुफिया रिपोर्ट के आधार पर की कि ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ (ओजीडब्ल्यू) राष्ट्र-विरोधी तत्वों को रसद सहायता एवं जानकारी मुहैया करा रहे हैं। हम आपको बता दें कि ओजीडब्ल्यू वे लोग होते हैं, जो आतंकवादियों को साजो-सामान उपलब्ध कराते हैं और गुप्त गतिविधियों के संचालन में उनकी मदद करते हैं। अधिकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

देखा जाये तो रियासी में एक दशक से भी अधिक समय पहले आतंकवाद का खात्मा कर दिया गया था, लेकिन पिछले कुछ वक्त से ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों की कथित गतिविधियां देखी जा रही हैं। इस साल निकटवर्ती राजौरी और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास और भीतरी इलाकों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 25 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया जा चुका है। रियासी जिले के गली सोहाब गांव में चार सितंबर को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था, जबकि एक अन्य आतंकवादी भाग गया था। अधिकारी के अनुसार, कुछ ओजीडब्ल्यू ऐसे हैं, जो सीमा पर ‘गाइड’ के रूप में काम कर रहे हैं, वे विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिये पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं के संपर्क में रहते हैं और आतंकवादियों को रसद संबंधी सहायता प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये आतंकवादी रियासी के अंदरूनी इलाकों में अपनी गतिविधियां फिर से शुरू करने के लिए बेचैन हैं।’’ हम आपको यह भी बता दें कि एसआईए पिछले साल गिरफ्तार किए गए दो आतंकवादियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज मामले की पहले से ही जांच कर रही है। उसने एक अदालत से तलाशी वारंट हासिल किया और एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में छापेमारी की।

रियासी के एक गांव में लोगों ने दो आतंकवादियों- राजौरी के तालिब हुसैन शाह और पुलवामा के उसके कश्मीरी सहयोगी फैसल अहमद डार-को पकड़ लिया था और पुलिस को सौंप दिया था। तालिब और फैसल के पास से दो एके असॉल्ट राइफल, एक पिस्तौल, सात ग्रेनेड और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था। शुरुआत में रियासी के माहौर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था। बाद में इसे एसआईए जम्मू को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसने पिछले साल दिसंबर में तालिब सहित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार आतंकवादियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एसआईए ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि मोहम्मद कासिम और जिया-उल-रहमान पहले पाकिस्तान में घुसे और वे हथियारों एवं विस्फोटकों की आपूर्ति के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे थे। इन हथियारों एवं विस्फोटकों को तालिब और उसके सहयोगियों ने प्राप्त किया। जांच से यह भी पता चला कि तालिब ने अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देश पर जम्मू क्षेत्र के चिनाब घाटी और पीर पंजाल इलाकों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए कई स्थानीय युवाओं की भर्ती की थी।

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