नई दिल्ली: फ्रांस ने iPhone 12 मॉडल को बैन कर दिया है. दरअसल, फ्रांस की रेडिएशन मॉनीटरिंग संस्था ANFR ने पाया कि iPhone 12 में स्टैंडर्ड से ज्यादा रेडिएसन है. जोकि, स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है. इस बीच हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि फोन में रेडिएशन को कैसे मापा जाता है और आप कैसे इसे चेक कर सकते हैं.
फ्रांस की संस्था एएनएफआर (Agence Nationale des Frequences) ने अलग-अलग सैंपल टेस्ट के बाद ये माना कि iPhone 12 का Specific Absorption Rate यानी SAR यूरोपियन यूनियन (EU) द्वारा तय किए गए रेडिएशन एक्स्पोज़र लिमिट से कहीं ज्यादा है. फ्रांस की ओर से कहा गया कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो iPhone 12 को पूरे फ्रांस से कंपनी को वापस लेना होगा. ये दिक्कत केवल एक अपडेट के जरिए दूर की जा सकती है. हालांकि, ऐपल ने कहा कि फ्रांस का दावा गलत है और उनका मॉडल ग्लोबल रेडिएशन स्टैंडर्ड पर भी पूरी तरह खरा उतरता है.
क्या होता है SAR?
जब इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स रिसीव और ट्रांसमिट होते हैं. तब कुछ परसेंट वेव्स लॉस हो जाते हैं. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स के इसी लॉस परसेंटेज को आसपास मौजूद टिशू सोख लेता है. ऐसे SAR वैल्यू वह रेट है जिस पर शरीर इस लॉस्ट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स को अब्जॉर्ब करता है. फोन्स वायरलेस नेटवर्क में ऑपरेट करने के लिए रेडियो ट्रांसमिटर्स और रिसीवर का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में रेडियो वेव्स एमिट करते हैं जो कार्सिनोजेनिक होते हैं. हालांकि इन रेडियो वेव्स की तीव्रता उन्हें हानिरहित मानती है.
US में फेडरल कम्युनिकेशन्स कमीशन (FCC) ने SAR लेवल को फोन्स के लिए 1.6 W/Kg सेट किया है. यही मेजरमेंट भारत में भी फॉलो किया जाता है. यानी 1.6W/kg से नीचे का SAR लेवल सही माना जाएगा.
आपके फोन का SAR लेवल कितना है ऐसे करें चेक:
अपने फोन मॉडल के SAR वैल्यू को आप सेल फोन की पैकेजिंग के पीछे लिखा देख सकते हैं. कई बार फोन बनाने वाली कंपनियां अपनी वेबसाइट पर भी इसकी जानकारी देती हैं. यूजर्स को SAR वैल्यू को कंपनी की वेबसाइट पर जाकर जरूर देख सकते हैं क्योंकि कंपनियों को वैल्यू बताना अनिवार्य है.
एक आसान तरीका ये भी है कि आप अपने फोन में *#07# डायल कर SAR लेवल को चेक कर सकते हैं. हालांकि, कुछ फोन्स में ये कोड काम नहीं करता. तब आप About Phone में जाकर ये जानकारी चेक कर सकते हैं.