Pakistan को इस बार तगड़ा सबक सिखाने की माँग, जवानों की शहादत से गम और गुस्से में है देश

Pakistan को इस बार तगड़ा सबक सिखाने की माँग, जवानों की शहादत से गम और गुस्से में है देश

पाकिस्तान है कि मानता नहीं। एक तरफ वह आतंकवाद से खुद को पीड़ित बताता है तो दूसरी तरफ कश्मीर में आतंकवादी भेजकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है लेकिन हमारे जांबाज सैनिक पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। दूसरी ओर मातृभूमि की रक्षा करते हुए और पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देते हुए हमारे जवानों की शहादत से देश में गम और गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की बढ़ती हिमाकत को देखते हुए मोदी सरकार से मांग की जा रही है कि पड़ोसी को एक बार तगड़ा सबक सिखा दिया जाये।

हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में कोकेरनाग के ऊंचाई वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए हैं जबकि एक जवान लापता है। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह अनंतनाग जिले के गारोल इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान इन अधिकारियों की मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि दो महीने की बेटी के पिता एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट की अधिक रक्तस्राव होने के कारण मृत्यु हो गई। अधिकारियों ने कहा कि लापता सैनिक के बारे में तुरंत पता नहीं चल पाया है और आशंका है कि वह गंभीर रूप से घायल हो गए होंगे।

हम आपको बता दें कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारियों का मानना है कि ये उन्हीं आतंकवादियों का समूह है, जिन्होंने चार अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वनक्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाके में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि गारोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे रोक दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि एक ठिकाने पर आतंकवादियों को देखे जाने की सूचना के बाद आज सुबह फिर उनकी (आतंकवादियों) तलाश शुरू की गई।

अपने दल का नेतृत्व करते हुए कर्नल मनप्रीत सिंह ने आतंकवादियों पर हमला बोला। हालांकि, आतंकवादियों की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। 12वीं सिख लाइट इन्फेंट्री (एलआई) से संबद्ध कर्नल मनप्रीत सिंह को सेना पदक से भी सम्मानित किया गया था। जबकि मेजर आशीष धोनैक 15वीं सिख एलआई से थे। अधिकारियों ने बताया कि आशीष धोनैक और हुमायूं भट को भी गोलियां लगीं थीं जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। हम आपको बता दें कि यह हमला ऐसे समय हुआ जब एक दिन पहले ही जम्मू क्षेत्र के राजौरी में पीर पंजाल के दक्षिण में एक मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हो गया था जबकि सेना की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर भी अपने ‘हैंडलर’ को बचाने के दौरान जान गंवा बैठी थी।

दूसरी ओर, शहीदों के घरों में मातम पसरा हुआ है। कोई जल्द ही रिटायर होने वाला था तो कोई हाल ही में पिता बना था। जवानों की शहादत से उनके परिजनों के सपने टूट गये हैं। शहीदों के परिजनों को सांत्वना देने के लिए लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं। हम आपको बता दें कि पानीपत में मेजर आशीष धोनैक के घर पर आसपास के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए हैं। वहीं दूसरी ओर मोहाली में कर्नल मनप्रीत सिंह के घर पर भी बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। उधर, कश्मीर में हुमायूं भट को जब सुपुर्द-ए-खाक किया गया तो बड़ी संख्या में लोग जुटे। इस बीच, जम्मू में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर मोदी सरकार से तगड़ा जवाब देने की मांग की।

हम आपको यह भी बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज कहा है कि उसने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है। बताया जा रहा है कि इसमें से एक को मुठभेड़ में मार गिराया जा चुका है। इसके अलावा पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस बीच, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने पुलिस और सेना के बहादुर अधिकारियों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक संदेश में कहा कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। 

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