वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की बदली रंगत ने इकोनॉमी जबरदस्त बूम दिया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के DAV कैंपस में हुए एक रिसर्च के अनुसार, पर्यटन में 41%, साड़ी और हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री में 47%, नाविक और नाव मालिक की आय में 80%, घाट मैनेजमेंट में 22.60%, रिक्शा वालों की आय में 15% और थ्री व्हीलर ऑटो बिजनेस में 25% की बढ़ोतरी हुई है।
DAV के पूर्व प्रिंसिपल और रिसर्च प्रोग्राम डायरेक्टर प्रो. सत्यदेव सिंह और उनकी टीम ने ये रिसर्च किया है। 13 दिसंबर को बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद वाराणसी पर यह स्टडी की गई है। इस रिसर्च में यह भी सामने आया है कि लोकार्पण के बाद बाबा विश्वनाथ धाम में अब तक 11 करोड़ 72 लाख, 71749 शिवभक्तों ने दर्शन-पूजन किया है।
हर किसी को हुआ डबल डिजिट में इजाफा
रिसर्च में एक सर्वे भी किया गया है। सर्वे के मुताबिक, वाराणसी में जॉब के अवसर बढ़ने को लेकर 99.48%, इंफ्रास्ट्रक्चर्स में सुधार को लेकर 99.53% और सार्वजनिक सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर 85.90% लोग सहमत हैं।
स्टडी में देखा गया है कि गंगा किनारे के बिजनेस, हैंडीक्राफ्ट, फूल-माला, टूर ट्रैवल, स्थानीय परिवहन, होटल आदि की इकोनॉमी में डबल डिजिट में इजाफा हुआ है। बाबा के दरबार में पर्यटकों की रिकॉर्ड आमद से काशी की अर्थव्यवस्था भी सकारात्मक करवट ले रही है। इसका असर यह हुआ है कि वाराणसी की सभी इंडस्ट्री के साथ खासकर रेहड़ी-पटरी वालों को काफी फायदा हो रहा है।
99.48% लोग जॉब से सहमत
रिपोर्ट के मुताबिक श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के बाद रोजगार के काफी अवसर हुए हैं। इस बात पर वाराणसी के 99.48% लोग सहमत हैं। रोजगार के उपलब्धता को लेकर भी 77.80% लोग संतुष्ट हैं। वहीं, 13.60% लोग बेहद संतुष्ट हैं। धाम जाने वाले मार्ग और धाम के अंदर के इंफ्रास्ट्रक्चर में व्यापक सुधार को लेकर 99.53% लोग सहमत हैं, जबकि 85.90% लोग सार्वजनिक सुविधाओं में व्यापक सुधार को मान रहे हैं। ऑफ सीजन में भी पर्यटकों के रिकॉर्ड आमद से कारोबारियों की विदेशी सैलानियों पर निर्भरता खत्म होती जा रही है। शहर का मूलभूत ढांचा मजबूत हो तो उस शहर के अर्थव्यवस्था को रफ्तार स्वतः मिल जाती है।