कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री डीके शिवकुमार, अन्य मंत्री और नेता कावेरी जल मुद्दे पर अगली कार्रवाई तय करने के लिए आज बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने अगले 15 दिनों के लिए 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया है। इस बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इस मामले को लेकर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मुलाकात करेंगे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडी-एस नेता एचडी कुमारस्वामी, जिन्हें सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली बैठक में भी आमंत्रित किया गया था, सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुए।
दूसरी ओर भाजपा ने भी इस बौठक से दूरी बनाई है। पूर्व कर्नाटक सीएम बसवराज बोम्मई ने किया ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार ने कावेरी विवाद पर चर्चा के लिए कल बैठक बुलाई है। हालांकि, मैं सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा क्योंकि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम में भाग लिया है। डीके शिवकुमार ने कहा, लगभग 98 TMC (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी छोड़ा जाना चाहिए था लेकिन हमारे पास केवल 37 TMC पानी है क्योंकि पानी ही नहीं है। ऐसी स्थिति 130 वर्षों से अधिक समय से उत्पन्न नहीं हुई थी। यह एक बहुत ही गंभीर सूखा है जिसका हम पिछले 2 महीनों में सामना कर रहे हैं... पिछली बार हमारे पास जो था इससे चार गुना अधिक था... हम बैठक में हर चीज पर चर्चा करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, केन्द्रीय जल प्रबंधन बोर्ड (CWMB) द्वारा अन्यायपूर्ण फैसला दिया गया है। हम पानी की कमी झेल रहे हैं। हमारी सरकार ने किसान समुदाय से इस साल फसल ना उगाने का अनुरोध किया है। आने वाले दिनों में बेंगलुरू में पीने के पानी की समस्या हो जाएगी। जब भी जल प्रबंधन बोर्ड मिलता है तो वे कर्नाटक पर पानी छोड़ने का दबाव बनाता है। मैं इस सरकार से मांग करता हूं कि वे CWMB के फैसला को ना मानें। मंगलवार को सिद्धरमैया ने सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के मद्देनजर उठाए जाने वाले अगले कदम को लेकर एक आपात बैठक की थी।