8 सितंबर को घोसी उपचुनाव के नतीजे आए। नतीजे में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली। फिर उसके बाद सबके निशाने पर आ गए सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर। समाजवादी पार्टी ने ओमप्रकाश राजभर को लेकर तमाम हमले बोले। लेकिन ओमप्रकाश राजभर चुनौती भरे अंदाज में कह रहे हैं कि उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता। ओमप्रकाश राजभर घोसी की हार को भुलाकर अब बिहार में ललकार भर रहे हैं।
दरअसल ओमप्रकाश राजभर की तैयारी इस बार उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार में भी एनडीए गठबंधन में लोकसभा सीट हासिल करने की है। राजभर की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की दो सीटों पर चुनाव लड़ने की है। इसीलिए उन्होंने अपनी सक्रियता बिहार में काफी तेज कर दी है। अब तक बिहार के 26 जिलों में रैलियां और जनसभा कर चुके हैं।
गया, भोजपुर फिर पटना में दिखाएंगे दम
एक तरफ नीतीश कुमार I.N.D.I.A के अगुआ हैं। तो वही ओमप्रकाश राजभर एनडीए गठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार को बिहार में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार के नवादा में राजभर ने वंचित शोषित जागरण महारैली कर भीड़ जुटाई। अब 16 और 19 सितंबर को गया और भोजपुर में रैली करने वाले हैं। फिर 10 अक्टूबर को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में बड़ी जनसभा कर 2024 के सियासी संग्राम का उद्घोष करेंगे।
बिहार में जमीन तैयार करने में जुटे राजभर
एक तरफ चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश में कुर्मी बाहुल्य फूलपुर लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर लगातार बिहार में अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं।
बीते साल अखिलेश यादव के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद ओमप्रकाश राजभर ने बिहार की ओर रुख किया था। 2022 में पार्टी का स्थापना दिवस भी पटना के गांधी मैदान में जनसभा करके मनाया था। तब ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जातीय जनगणना ना कराने को लेकर घेरा था। इसके बाद नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने के निर्देश दिए थे। माना जा रहा है कि 2025 में बिहार में होने वाले विधानसभा के चुनाव में भी उनकी पार्टी ताल ठोकने वाली है।
बिहार में पहले भी लड़े हैं चुनाव
ओमप्रकाश राजभर एनडीए का हिस्सा अब हैं, लेकिन बिहार में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव ओमप्रकाश राजभर की पार्टी लगभग 20 वर्षों से लड़ती चली आ रही है। सबसे पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में बिहार की एक लोकसभा सीट पर राजभर ने अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारा था। तब सुभासपा को 0.06 फीसदी वोट मिले थे।
वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में बिहार में ओमप्रकाश ने अपने 9 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। फिर 2010 में बिहार में जब विधानसभा के चुनाव हुए, तब भी ओमप्रकाश राजभर ने अपने 6 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। उन्हें तब 0.05 फीसदी वोट मिले थे।
जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने कुल पांच लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 2015 में जब बिहार में विधानसभा के चुनाव हुए तब ओमप्रकाश राजभर ने अपने 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे । बक्सर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली राजपुर विधानसभा सीट पर उनके प्रत्याशी को तीसरा स्थान मिला था।
जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने दो लोकसभा सीटों बक्सर और मधेपुरा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। उनके उम्मीदवारों को लगभग 31000 से लेकर 47000 तक वोट मिले थे। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर तब ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट का हिस्सा बन गए थे। जिसमें राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक, AIMIM, और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट शामिल थीं। इस गठबंधन में ओमप्रकाश राजभर को 5 सीटें मिली थीं।
हमारी बिरादरी का अच्छा वोट बैंक है
घोसी उपचुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पूरी ताकत लगाई । लेकिन उसके बावजूद बीजेपी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को करारी मात मिली। इसके बाद चर्चा यह शुरू हो गई कि ओमप्रकाश राजभर को बीजेपी अब गठबंधन में एक सीट से ज्यादा नहीं देने वाली। लेकिन दैनिक भास्कर से फ़ोन पर बातचीत में ओमप्रकाश राजभर ने साफ तौर पर कहा कि उनकी पार्टी बिहार में भी एनडीए गठबंधन में इस बार सीट जरूर मांगेगी। वहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की इस बार वह कोशिश करेंगे।
ओम प्रकाश राजभर के मुताबिक बिहार में भर, राजभर, राजवंशी, राजधोब, और राजवार ये सभी एससी में आते हैं। एससी वोट बैंक बिहार में 16 फ़ीसदी है। इसमें उनकी बिरादरी का अच्छा खासा वोट बैंक है। उनके मुताबिक बिहार की 24 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां डेढ़ लाख से लेकर 4 लाख तक उनकी बिरादरी का वोट है।
इनमें नवादा, नालंदा, कटिहार, भोजपुर, औरंगाबाद कैमूर, बक्सर, बेतिया, मधेपुरा लोकसभा सीटें शामिल है। इसीलिए ओमप्रकाश राजभर कह रहे हैं कि वह बिहार में भी गठबंधन में इस बार सीट मांगेंगे । खासतौर से बक्सर और मधेपुरा लोकसभा सीटों पर ओमप्रकाश राजभर की निगाहें हैं। क्योंकि इन लोकसभा सीटों पर वह पहले भी चुनाव लड़ते आ रहे हैं। यूपी की अगर बात करें तो राजभर की निगाहें लालगंज(सु) सलेमपुर और बलिया लोकसभा सीटों पर है।