पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लाना मोदी सरकार की प्राथमिकता में माना जाता है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह चुके हैं कि भारत की उत्तर में विकास यात्रा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित और बाल्टिस्तान के हिस्सों में पहुंचने के बाद पूरी होगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों पर जो अत्याचार किये जा रहे हैं उसके अंजाम पाकिस्तान को भुगतने होंगे। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने एक चुनावी रैली में जनता की ओर से पीओके को वापस लाये जाने की मांग पर कहा था कि थोड़ा धैर्य रखिये। अब पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा है कि PoK अपने आप भारत के अंदर आ जाएगा, थोड़ा-सा इंताज़ार करना होगा। हम आपको बता दें कि PoK के लोगों की इस मांग पर कि उनके क्षेत्र का भारत में विलय किया जाए संबंधी सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने यह बात कही।
दूसरी ओर, वीके सिंह के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा है कि हमने हमेशा PoK को अपना हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि जब वीके सिंह सेनाध्यक्ष पद पर थे तब उनको अपने कार्यकाल में (पीओके को) लेने की कोशिश करनी चाहिए थी, अब आप कैसे ले सकते हैं? उन्होंने कहा कि इससे पहले मणिपुर को शांत कीजिए। मणिपुर तक चीन घुस गया है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी जी कह रहे हैं कि लद्दाख में चीन ने 20,000 वर्ग किमी ज़मीन अपने कब्जे में ली है। अरुणाचल का हिस्सा चीन के नक्शे में दिखाया गया है। पहले यह अपने कब्जे में लीजिए।
उधर, रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल ने वीके सिंह के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि उस क्षेत्र की जनता बहुत परेशान है क्योंकि वहां बुनियादी सुविधाओं की बेहद कमी है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरापूरा होने के बावजूद इस क्षेत्र में जनता के लिए पानी नहीं है, बिजली नहीं है, शिक्षा नहीं है, खाने पीने की चीजों का अभाव है। उन्होंने कहा कि वहां लोगों की जमीनें ले ली गयीं लेकिन किसी को मुआवजा नहीं दिया गया। पीके सहगल ने कहा कि सोशल मीडिया के इस जमाने में उस तरफ की जनता देख रही है कि जम्मू-कश्मीर किस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है और पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में हालात खराब से खराब होते जा रहे हैं इसलिए वहां के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोस्टर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं और भारत के साथ मिलाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालात जिस तरह के बन रहे हैं उसके चलते हिंदुस्तान को गोली चलाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और पीओके खुद ब खुद हमारे पास आ जायेगा। उन्होंने कहा कि पीओके के हालात पाकिस्तान सरकार, आईएसआई, पाकिस्तानी सेना और चीन के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने अपने महत्वाकांक्षी बीआरआई प्रोजेक्ट में जो भारी भरकम निवेश किया है उसकी शुरुआत उसने पीओके से ही की है। पीके सहगल ने कहा कि यदि हमने वहां सैन्य कार्रवाई की तो चीन और पाकिस्तान दोनों विरोध कर सकते हैं इसलिए अच्छा यही होगा कि थोड़ा इंतजार किया जाये क्योंकि हालात ऐसे ही बदतर होते रहे तो वहां की जनता ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विद्रोह करेगी जिसे थामना पाकिस्तान सरकार के लिए मुश्किल हो जायेगा।