लखनऊ में डॉक्टर शुभम की संदिग्ध हालात में मौत, मेदांता में इलाज के दौरान तोड़ा दम

लखनऊ में डॉक्टर शुभम की संदिग्ध हालात में मौत, मेदांता में इलाज के दौरान तोड़ा दम

लखनऊ के वृंदावन इलाके में स्कूटी से फोटो कापी कराने निकले मेधावी युवा डॉ. शुभम प्रभात सिंह की अचानक मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। डॉक्टरों ने जांच के लिए विसरा और हार्ट सुरक्षित कर लिया है।

डॉ. शुभम के बड़े भाई डॉ.शोभित लखनऊ के बड़े सरकारी चिकित्सा संस्थान में मेडिसिन विभाग में चिकित्सक हैं। परिवार में कई अन्य सदस्य भी डॉक्टर हैं। पर अचानक हुई इस घटना से कोहराम मच गया हैं।

घर से निकलते ही अचानक बिगड़ी तबियत

जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम को हल्की बारिश में डॉ. शुभम प्रभात सिंह कुछ पेपर की फोटो कापी कराने स्कूटी से निकले थे। घर से कुछ दूरी पर स्थित सब्जी मंडी के पास अचानक चक्कर आने लगे। स्कूटी खड़ी कर एक दुकान पर बैठ गया और दुकानदार से घर वालों को फोन कर बुलाने के लिए कहा। इसके तुरंत बाद वे अचानक से बेहोश हो गया। मौके पर पहुंचे परिजन उसे मेदांता अस्पताल लेकर गए। जहां इलाज के दौरान देर रात उनकी मौत हो गई।

NEET PG काउंसिलिंग में हुए थे शामिल

डॉ. शुभम ने कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज से MBBS पास किया था। इसके बाद MD में दाखिले के लिए इस सत्र में NEET PG में शामिल हुआ था। अभी फाइनल रिजल्ट आना बाकी था। हालांकि तभी अचानक हुई इस घटना से परिवार में मातम पसर गया।

सालभर के भीतर परिवार में हुई 2 मौतें

मृतक डॉ. शुभम के बड़े भाई, डॉ. शोभित शाक्य ने बताया कि बीते साल नवंबर में आर्मी से सेवानिवृत्त पिता दिनेश की हार्ट अटैक से जान चली गई थी। अब कुछ महीने के भीतर अचानक भाई की भी मौत हो गई।घटना में परिवार समेत पूरे इलाके में मातम पसर गया।

बचपन से रहे मेधावी, स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनना था मकसद

घर के एक करीबी ने बताया कि परिवार में 2 भाई और 1 बहन के बीच मे शुभम सबसे छोटे थे। बड़े भाई और बहन के डॉक्टर बनने के बाद उन्होंने भी NEET परीक्षा पास की और कानपुर मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई बेहतरीन अंकों से पूरी की। इस बीच 2 साल का इंटर्नशिप भी पूरा किया। इस बीच MD के लिए NEET PG काउंसिलिंग में इसी साल बैठें थे। वो भविष्य में ऑर्थोपेडिक या सर्जरी में सुपर स्पेशलिस्ट बनना चाहते थे। पर नीयत को कुछ और ही मंजूर था। अचानक हुई उनकी मौत से परिवार के सदस्य सुध-बुध खो चुके हैं।

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