घोसी उप चुनाव में INDIA गठबंधन की जीत के NDA में मंथन का दौर शुरू हो गया है। BJP का पिछड़ा वर्ग मोर्चा अब इस हार की समीक्षा करने में जुट गया है। सोमवार को BJP कार्यालय में पिछड़ा वर्ग मोर्चा की बैठक बुलाई गई है। इसमें सभी पदाधिकारी के साथ अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद होंगे।
हार की समीक्षा और 24 की रणनीति की जाएगी तैयार
BJP का पिछड़ा मोर्चा घोसी उप चुनाव में मिली हार की समीक्षा में जुट गया है क्योंकि देखा जाए तो घोसी सीट पर सबसे ज्यादा आबादी पिछड़ों की थी। लेकिन उसके बावजूद भी पिछड़ों का समर्थन उस तरीके से नहीं मिला जैसा कि मिलना चाहिए था। इसको लेकर अब पिछड़ा मोर्चा हर पैमाने पर इसकी समीक्षा कर रहा है। साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नए सिरे से रणनीति भी तैयार की जा रही है।
घोसी सीट पर जातीय समीकरण हुआ फेल
घोसी उप चुनाव सीट पर हुए में सफलता हासिल करने के लिए BJP ने जाति समीकरण साधे थे और यही कारण था कि हर जाति के मंत्रियों को इसकी कमान दी गई थी। लेकिन BJP के सभी जातीय समीकरण फेल हो गए और समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने घोसी में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर ली।
बीजेपी उम्मीदवार 86 हजार के अपने पुराने वोट संख्या तक भी नहीं पहुंच पाई। सपा की तरफ से ठाकुर कैंडिडेट होने के बावजूद अखिलेश यादव का PDA यानी कि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक मुसलमान का समर्थन सुधाकर सिंह को मिला।
अब आपको बताते हैं कि घोसी सीट पर जाति समीकरण क्या कहते हैं...
घोसी विधानसभा सीट पर कुल 4.37 लाख मतदाता
पुरुष 235995, महिलाएं 209948 और अन्य 9
मुस्लिम मतदाता लगभग 1लाख (सबसे ज्यादा पसमांदा)
लगभग 90 हज़ार से अधिक दलित मतदाता
लगभग 60 हजार राजभर मतदाता
50 हज़ार चौहान (पिछड़े)
लगभग 50 हज़ार निषाद
15 हजार ठाकुर, 20 हजार भूमिहार, 17 हजार ब्राह्मण और 35 हज़ार वैश्य