ज्ञानवापी से जुड़े दो मामलों में आज वाराणसी में सुनवाई है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में बहुचर्चित ज्ञानवापी शृंगार गौरी के मूल वाद के साथ सात अन्य मामलों की एक साथ सुनवाई होगी। लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक व मंजू व्यास की ओर से दाखिल मूल वाद पर गवाही होगी। वहीं राखी सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे में हिंदू प्रतीक चिह्नों को सुरक्षित रखने की मांग उठाई गई है, जिस पर जिला जज वादी का पक्ष सुनेंगे।
जिला एवं सत्र न्यायालय में राखी सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्रों में ज्ञानवापी परिसर में चल रहे सर्वे में हिंदू प्रतीक चिह्नों को सुरक्षित रखने की मांग उठाई गई है। यह भी अपील की गई है कि जिन क्षेत्रों में हिंदू प्रतीक चिह्न मिले हैं। उस क्षेत्र को सुरक्षित और सील किया जाए। इसमें ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की संख्या को निर्धारित एवं नियमित करने का अनुरोध किया गया है ताकि हिंदू प्रतीक चिह्नों को कोई नुकसान न पहुंचा सके। इस निमित्त सरकार और पक्षकारों को निर्देश देने की मांग की गई है। इसके साथ ही वहां रंगाई और पुताई को प्रतिबंधित करने का मस्जिद पक्ष को आदेश दिया जाए। इससे पहले भी राखी सिंह की ओर से दायर प्रार्थना पत्र के जरिए ज्ञानवापी में चल रहे सर्वे में मिले हिंदू प्रतीक चिह्नों और परिसर के उस हिस्से को संरक्षित करने की अपील की गई है।
सभी वादी-प्रतिवादी को दी जा चुकी याचिका की प्रति
वादिनी राखी सिंह के प्रार्थना पत्र की प्रति मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की चार महिलाओं के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि कुमार पांडेय, मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद व तौहिद खान एवं राज्य सरकार के अधिवक्ता राजेश मिश्रा को सौंपी जा चुकी है। अधिवक्ताओं ने प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने को समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए आज की तिथि नियत की थी। कोर्ट में वकीलों की हड़ताल के चलते मामले में आगे कार्रवाई नहीं बढ़ सकी।
पिछले साल दिसंबर में लगाई थी याचिका
ज्ञानवापी से जुड़े शृंगार गौरी वाद की महिला वादियों (रेखा, सीता, मंजू, लक्ष्मी) ने पिछले साल दिसंबर में जिला जज की कोर्ट में एप्लिकेशन देकर 7 मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 6 सिविल जज सीनियर और किरन सिंह विसेन का एक केस 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। इस केस पर जिला जज की अदालत ने 17 अप्रैल को आदेश पारित किया था कि उनकी कोर्ट में सभी 7 मामलों की फाइलों को रखा। इसके बाद एक साथ सभी केस की सुनवाई का आदेश जिला जज ने दिया।
सभी केस राग-भोग, पूजा-दर्शन की मांग से जुड़े हैं
जिन 7 मामलों को क्लब करने की सुनवाई हुई, उसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की भी याचिका शामिल है। इसमें उन्होंने वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर का सबसे पुराना शिवलिंग बताया था। जिनके राग-भोग, पूजा-दर्शन की मांग की गई है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक चल रही है।