टाटा समूह ने फूड कंपनी हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की खबरों का खंडन करते हुए इसे महज अफवाह बताया है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) ने स्पष्ट किया है कि वह ‘हल्दीराम’ में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए कोई बातचीत नहीं कर रही है।
टाटा ने साफ किया है कि इस तरह खरीददारी से संबंधित सभी खबरें गलत है। कंपनी ने बताया कि इस दिशा में किसी तरह की कोई बात नहीं हो रही है। बता दें कि कुछ खबरों के अनुसार, टाटा समूह की एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं) इकाई हल्दीराम की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसके साथ बातचीत कर रही है। मगर अब टाटा ने इसका खंडन कर दिया है।
खबरों में दावा किया गया था कि टाटा घरेलू फूड कंपनी हल्दीराम में 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बात कर रही है। ये भी कहा गया था कि हल्दीराम ने डील के लिए 10 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर अहसमति जताई है। हालांकि, खबरों में कहा गया है कि ऊंचे उपक्रम मूल्य की वजह से अभी कोई बात नहीं बन पाई है। हल्दीराम स्नैक्स, नमकीन बनाने के साथ-साथ रेस्तरां क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। टीसीपीएल ने शेयर बाजार को बताया, “कंपनी हल्दीराम का अधिग्रहण करने के लिए वार्ता नहीं कर रही है, जैसा कि खबरों में कहा जा रहा है।”
कंपनी की ओर से यह स्पष्टीकरण इन खबरों के आने के बाद एनएसई और बीएसई द्वारा जवाब मांगने के बाद दिया गया है। कंपनी के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था, “टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट बाजार में चल रहीं अटकलों पर टिप्पणी नहीं करती है।” संपर्क करने पर हल्दीराम के प्रबंधन ने इस संबंध में कुछ कहने से इनकार किया। टीसीपीएल टाटा साल्ट, टाटा टी, टेटली, टाटा कॉफी, टाटा साउलफुल जैसे उत्पाद बेचती है। कंपनी खाद्य एवं पेय क्षेत्र में विस्तार कर रही है।
बता दें कि हल्दीराम कंपनी की शुरुआत वर्ष 1937 में हुई थी। कंपनी ने शुरुआत अपने भुजिया के साथ की थी जो वर्षों से काफी फेमस प्रोडक्ट है। हल्दीराम की टक्कर पेप्सिको जैसी शानदार कंपनी के साथ होतीह ै। वर्तमान में हल्दीराम का पोर्टफोलियो काफी अलग हो गया है। कंपनी अब पैकेज्ड प्रोडक्ट के अलावा कई रेस्टोरेंट भी चलाती है जो देश के कई शहरों में है। कंपनी वर्तमान में देशभर में 150 रेस्टोरेंट चलाती है।