पाकिस्तान में चीनी की तंगी से आवाम परेशान, फूड सेक्रेटरी ने हाईकोर्ट को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान में चीनी की तंगी से आवाम परेशान, फूड सेक्रेटरी ने हाईकोर्ट को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. पेट्रोल, डीजल, आटा, दाल के अलावा अब यह चीनी के लिए तरस रहा है. चीनी की शॉर्टेज सबसे ज्यादा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुई है. वहीं, इस कमी को लेकर पाकिस्तान ने लाहौर हाईकोर्ट को जिम्मेदार ठहरा दिया है. चीनी की कीमतों के संबंध में मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी की अध्यक्षता में प्रांतीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान पंजाब के खाद्य सचिव ने कहा कि अदालत के स्टे ऑर्डर्स ने चीनी मिलों के रिकॉर्ड के अधिग्रहण को रोक दिया है, जिसके कारण चीनी जमाखोरों को लाभ मिल रहा है. 

इस बैठक के बाद, पंजाब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करने और स्टे आर्डर रद्द करने के लिए अपील दायर करने का निर्णय लिया है. पंजाब के एडवोकेट जनरल को मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल अपील शुरू करने का निर्देश दिया गया है ताकि चीनी की कीमत में स्थिरता बनी रहे.

पाकिस्तान के पास 10 लाख मीट्रिक टन चीनी का स्टॉक होने के बावजूद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत ने भविष्य में चीनी संकट के बारे में चेतावनी जारी की है. पाकिस्‍तान सरकार के पास अब संकट को कम करने के लिए अतिरिक्त स्टॉक का उपयोग करने का एकमात्र विकल्प ही बचा है. आवाम को 100 प्रति किलो के आधिकारिक दाम के बजाय चीनी के लिए 220 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.

एआरवाई न्यूज ने मुताबिक, कराची में चीनी की कीमत सोमवार को अचानक 195 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने डीलरों के हवाले से कहा कि चीनी की आपूर्ति निलंबित होने के बाद कमोडिटी की कीमत बढ़ गई क्योंकि परमिट निलंबित होने के बाद नेशनल हाईवे पर गाड़ियां फंस गईं. डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान के चमन इलाके में चीनी 230 प्रति किलोग्राम पर बेची जा रही थी, जबकि मध्य पंजाब के शहर आरिफवाला में, चीनी 185 प्रति किलोग्राम पर बेची जा रही थी.

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