जी20 शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति भवन की ओर से भेजे गए रात्रिभोज के निमंत्रण कार्ड पर President of India की जगह President of Bharat लिखे जाने के मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है। इंडिया-भारत नाम विवाद तब और तेज हो गया जब भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पीएम मोदी की इंडोनेशिया यात्रा से संबंधित एक दस्तावेज साझा किया, जिसमें उन्हें भारत का प्रधान मंत्री कहा गया है, जो नाम की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है। सियासी घमासान के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोला है और पार्टी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया है। एक्स पर एक पोस्ट में बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, क्या हम उस पार्टी से कुछ उम्मीद कर सकते हैं जो भारत की प्रस्तावना तक नहीं जानती। कांग्रेस= संविधान और डॉ आंबेडकर के प्रति सम्मान की कमी।
भाजपा का जवाब
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को “भारत माता की जय” के उद्घोष से नफरत क्यों है? स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति। उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है। कांग्रेस की देश विरोधी एवं संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है। राष्ट्रपति भवन में G20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज का निमंत्रण भारत के राष्ट्रपति, के नाम से भेजे जाने पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह बहुत पहले होना चाहिए था। यह बहुत संतोष देने वाला है। भारत हमारा परिचय है। इसे लेकर हम गौरान्वित है। मुझे विश्वास है कि देश बहुत खुश होगा कि राष्ट्रपति ने भारत के नाम को प्राथमिक दी। यह दासत्व की मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान है।
केजरीवाल का भी सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर किसी पार्टी का गठबंधन INDIA बन जाता है तो वे (भाजपा) देश का नाम बदल देंगे? देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं। उन्होंने कहा कि अगर कल INDIA गठबंधन का नाम बदलकर भारत रख लिया जाता तो क्या वे (भाजपा) भारत का नाम भी बदल देंगे? भाजपा के वोट कम ना हो जाएं इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं। यह देश के साथ गद्दारी है। DMK संसदीय दल के नेता टी.आर. बालू ने कहा कि हमें इससे कोई आशंका नहीं होनी चाहिए क्योंकि संविधान में पहले से ही भारत का इस्तेमाल है। अगर राष्ट्रपति ने भारत के नाम से (G-20 देशों को) न्योता भेजा है तो मुझे नहीं लगता इस पर कोई दिक्कत होनी चाहिए।