डिजिटल भुगतान ने जिंदगी को जितना सरल बना दिया है, ऑनलाइन फ्रॉड और धोखाधड़ी ने उतना ही ज्यादा रिस्क भी बढ़ा दिया है. अगर आप GooglePay का इस्तेमाल कर भुगतान करते हैं तो हम आपको कुछ ऐसे सिक्योरिटी टिप्स बताएंगे जो आपके ऐप को किले की तरह सुरक्षित बना देंगे.
आपका GooglePay ऐप फेस आईडी, पासवर्ड और पिन जैसे सिक्योरिटी फीचर्स को सपोर्ट करता है. इस तरह आपका फोन किसी और के हाथ लग भी जाए तो वह GooglePay ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. फोन में स्क्रीन लॉक फीचर ऑन है तो आपका ऐप भी उसके साथ लॉक हो जाएगा और दूसरा कोई इसका इस्तेमाल कर नहीं पाएगा
GooglePay ऐप से जब भी आप पैसे भेजते हैं तो वह आपको फ्रॉड को लेकर अलर्ट भी करता है. जिस व्यक्ति को आप पैसे भेज रहे हैं, अगर उसका नाम आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में नहीं है तो ऐप आपको इसे लेकर अलर्ट करता है. ऐप यह काम मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से करता है.
GooglePay से भुगतान का सारा डाटा गूगल अकाउंट में सेव होता है. आपका सभी भुगतान डाटा गूगल के साथ सुरक्षित रहता है और भुगतान के समय गूगल इस डाटा को इनक्रिप्ट करता है, ताकि आपका पेमेंट पूरी तरह सिक्योर रहे.
ऑनलाइन भुगतान के लिए कार्ड का इस्तेमाल करने से ज्यादा सुरक्षित होगा कि आप GooglePay का इस्तेमाल करें. इस ऐप पर आपका वर्चुअल अकाउंट इस्तेमाल होता है, जिससे कोई आपके खाते की जानकारी नहीं ले सकता और न ही किसी को आपके कार्ड का पता चलता है.
GooglePay आपको प्राइवेसी कंट्रोल करने का भी फीचर देता है. इस ऐप के जरिये आप जो भी भुगतान करने के लिए पर्सनलाइज्ड ट्रांजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं, वह डिफॉल्ट के रूप में सेव नहीं होता. ऐप अपने कस्टमर को 3 महीने का समय देता है और अगर यह पर्सनाइल्ड ट्रांजेक्शन मोड पसंद न आए तो इसे डिलीट भी किया जा सकता है.