BHU में भगत सिंह छात्र मोर्चा पर NIA का छापा, 2 छात्राओं के लैपटॉप की जांच, नक्सल कनेक्शन में 5 जिलों में 8 जगह रेड

BHU में भगत सिंह छात्र मोर्चा पर NIA का छापा, 2 छात्राओं के लैपटॉप की जांच, नक्सल कनेक्शन में 5 जिलों में 8 जगह रेड

यूपी के 5 जिलों में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने मंगलवार सुबह छापेमारी की। टीम ने आजमगढ़, देवरिया, वाराणसी, प्रयागराज और चंदौली में 8 जगहों पर सर्च ऑपरेशन किया। इसमें से सबसे बड़ा एक्शन वाराणसी में हुआ। यहां BHU के छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (BCM) की ऑफिस में छापा मारा है। इसके साथ ही 2 छात्राओं को हिरासत में ले रखा है।

NIA ने छात्र संगठन के ऑफिस को कब्जे में ले लिया है और दस्तावेज खंगाल रही है। NIA के साथ पुलिस और अन्य अधिकारी कैंपस में मौजूद हैं। ऑफिस पुलिस की छावनी में बदल दिया है। सूत्रों के मुताबिक, नक्सल गतिविधियों से जुड़े एक मामले में यह छापेमारी की है। NIA को नक्सल एक्टिविटी में छात्र मोर्चा की संलिप्तता का इनपुट मिला था। इसके बाद टीम के सदस्यों ने वाराणसी में संगठन की सक्रियता, सदस्यों की गतिविधियां जानी।

मंगलवार को टीम महामनापुरी कॉलोनी स्थित संगठन के कार्यालय पहुंची और छापेमारी करते हुए दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की। NIA की टीम को देखते हुए कार्यालय में हड़कंप मच गया। आनन-फानन सभी बाहर निकलने लगे। टीम ने कॉलोनी और संगठन कार्यकर्ताओं के घर को सील कर दिया।

छात्र संगठन से उनके फोन भी NIA ने जब्त कर लिया है। इसके बाद ऑफिस में मौजूद BCM की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद और सहसचिव सिद्धि सहित को हिरासत में ले लिया। उनके लैपटॉप को कब्जे में ले लिया है।

प्रयागराज में मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद के घर पर रेड

प्रयागराज में भी PUCL की उत्तर प्रदेश राज्य सचिव, मानवाधिकार कार्यकर्ता सीमा आजाद और उनके पति विश्वविजय, एडवोकेट सोनी आजाद के घर पर छापेमारी चल रही है। इसके अलावा रितेश विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता मनीष आजाद के घर पर भी रेड चल रही है।सूत्रों के मुताबिक, सीमा, विश्व विजय, सोनी और रितेश को NIA अपने कहीं साथ ले गई है। हालांकि इसकी ऑफिशियल पुष्टि नहीं हुई है।

देवरिया में किसान नेता के घर पर रेड

खिरियाबाग, आजमगढ़ आंदोलन व संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल साथी राजेश के देवरिया जिले में स्थित उनके घर पर भी NIA की टीम छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार डरी हुई है। उनका विरोध करने वाले सभी राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दमन कर रही है। NIA सरकारी एजेंसी की तरह नहीं बल्कि पूरी तरह से फांसीवादी भाजपा-RSS की बी टीम की तरह काम कर रही है। एक खास विचारधारा की पक्षधर बन अपने राजनैतिक विरोधियों के खिलाफ गुंडागर्दी कर रही है।

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