नई दिल्ली: 9 से 10 सितंबर तक होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) से पहले पूरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को सजा दिया गया है. इसमें भाग लेने के लिए दुनियाभर से शक्तिशाली नेता आ रहे हैं. इनके रहने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक के लिए पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं. लेकिन दुनिया भर के शक्तिशाली नेताओं में से एक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) इसमें भाग लेने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन समेत कई दिग्गज इस दौरान भारत में रहेंगे.
दरअसल, 9 से 10 सितंबर तक राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं. क्योंकि इस सम्मेलन में यूरोपीय संघ के साथ-साथ दुनिया के सबसे समृद्ध देशों के नेता महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं. हालांकि इससे पहले टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी अनुपलब्धता के बारे में बताया था
दरअसल, 9 से 10 सितंबर तक राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं. क्योंकि इस सम्मेलन में यूरोपीय संघ के साथ-साथ दुनिया के सबसे समृद्ध देशों के नेता महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आ रहे हैं. हालांकि इससे पहले टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी अनुपलब्धता के बारे में बताया था.
क्यों भारत नहीं आ रहे पुतिन?
पुतिन के दिल्ली में होने जी20 शिखर सम्मेलन में नहीं आने की एक वजह रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को भी माना जा रहा है. रूस की ओर से विदेश मंत्री सार्गेई लावरोव बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. जबकि, पुतिन वीडियो के जरिए बैठक को संबोधित करेंगे. अमेरिका और कई पश्चिमी देश पुतिन पर हमला करने के आरोप लगा चुके हैं और यह देश बैठक समूह में शामिल रहेंगे. इसके अलावा पश्चिमी देश वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के आरोप भी पुतिन पर लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई सबूत सामने नहीं आया है.
किस बात का डर?
मालूम हो कि इंटरनेशनल क्रिमनल कोर्ट (ICC) ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर रखा है. एक डर उनकी गिरफ्तारी की भी हो सकती है. क्योंकि यूक्रेन में युद्ध अपराधों का आरोप लगाते हुए रूसी राष्ट्रपति को लेकर यह वारंट जारी किया गया है. हालांकि रूस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है. रूसी राष्ट्रपति को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.