सोनीपत: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन मांगों को लेकर 13 महीने के आसपास चला. सरकार में किसानों की तीन कृषि कानून वापस लेने की मांग को तो मान लिया, लेकिन एमएसपी गारंटी कानून, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग के साथ-साथ कई मांगे सरकार ने लंबित रख दी. वहीं जैसे-जैसे समय बितता गया, वैसे-वैसे किसानों की कई मांगें जुड़ती चली गई, जिसको लेकर एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ हुंकार भरने के लिए 10 सितंबर को गोहाना की नई अनाज मंडी में एक महापंचायत करने जा रहे हैं.
हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश का किसान एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ हुंकार भरने के लिए तैयारी कर रहा है. इस बार किसानों को एकजुट करने की जिम्मेदारी युवा किसानों को सौंप दी गई है.
महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के युवा नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने लगातार कई जिलों के गांव में जनसंपर्क अभियान शुरू किए हैं. आज अभिमन्यु कोहाड़ और अन्य युवा किसान नेता गांव बेयापुर में पहुँचे और सरोहा खाप के जनप्रतिनिधियों से 10 सितंबर को गोहाना में होने वाली महापंचायत को लेकर विचार विमर्श किया. साथ ही अपनी आठ सूत्रीय मांग किसानों के सामने रखी.
मांगों में प्रमुख मांग एमएसपी गारंटी कानून बनवाने की है. भूमि अधिग्रहण बिल 2013 को एक बार फिर से लागू करवाना किसानों का मकसद है. साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए एक बार फिर किसान सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 150 किसान परिवारों को सरकारी नौकरी देने की मांग भी किसान कर रहे हैं.
सोनीपत के गांव बेयापुर में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्र और हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और पिछले 9 साल में देश का हर वर्ग अपनी किसी न किसी समस्या को लेकर सरकार से परेशान है. युवाओं के सामने बेरोजगारी का मुद्दा खड़ा है, लेकिन सरकार हर मुद्दे पर सफल सरकार रही है, सरकार जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है. इसी को लेकर 10 सितंबर को गोहाना की नई अनाज मंडी में एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है.