यूपी में 2 साल से धर्मांतरण कानून लागू है। इसके बावजूद धर्मांतरण का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कानपुर में एक के बाद एक धर्मांतरण का छवां मामला सामने आया है। जहां मिशनरियों का धर्मांतरण कराने का पैटर्न एक ही है। ये सिंडीकेट सिर्फ गरीब बस्तियों को ही टारगेट कर रहा है। आर्थिक रूप से कमजोरों को सबसे पहले 30 से 50 हजार कैश, इसके बाद उनके घर में बीमार व्यक्ति का इलाज, शादी, फिर रहने की व्यवस्था और इसके बाद बच्चों को मिशनरी स्कूल में मुफ्त शिक्षा का झांसा देते है।
उन्हें वीडियो और साहित्य के जरिए मोटीवेट करके बताया जाता है कि ईसाई बनते ही रातों-रात लाइफ स्टाइल बदल जाएगी। इस तरह से परिवार को झांसे में लेकर हिन्दू से ईसाई बनाते हैं। इसके बाद उन्हें भी अपने धर्म प्रचार में लगाकर दूसरों को धर्मांतरण के लिए मोटीवेट करते हैं। इनके लिए धर्मांतरण का काम कराने वालों को भी यह प्रत्येक महीने 10 से 30 हजार तक की सैलरी समेत अन्य सुविधाएं देते हैं।
पुलिस ने रविवार को एक युवक की शिकायत पर दो लोगों को खिलाफ FIR दर्ज करके जेल भेज दिया।
अब आपको पढ़वाते हैं धर्मांतरण सिंडीकेट का सरगना कौन है, फंडिंग कहां से होती है, पुलिस सरगना तक क्यों नहीं पहुंच पा रही...
50 हजार, घर और इलाज का लालच देकर करा रहे थे धर्मांतरण
पुराना कानपुर रामचंद्र चौराहा निवासी अमन कुमार गौतम की तहरीर पर नवाबगंज पुलिस ने धर्मांतरण मामले में कार्रवाई की है। अमन ने बताया कि शास्त्री नगर निवासी शोभित डेनियल और विष्णुपुरी श्रमिक कॉलोनी में रहने वाले शोभित ने सरकारी श्रमिक कॉलोनी को ही अवैध रूप से चर्च बना दिया है।
दोनों ने प्रार्थी के पिता को बहला-फुसला कर कहा कि अगर तुम चर्च आकर रोजाना प्रार्थना करोगे तो तुम्हारे सारे दुख दर्द और परेशानियां दूर हाे जाएंगी। तुम्हें धर्म परिवर्तन करके ईसाई बनते ही 50 हजार रुपए, रहने को घर, पिता के इलाज का पूरा खर्च चर्च की तरफ से उठाया जाएगा। इसके साथ ही होली वाटर दिया गया। कहा गया कि इसे रोजाना आंखों में लगाओगे तो प्रभू ईशू की नेमत बरसेगी।
नवाबगंज पुलिस ने शोभित डेनियल और शोभित के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 की धारा-3 और 5 (1) के तहत FIR दर्ज करके दोनों को अरेस्ट कर लिया और जेल भेज दिया।
मिशनरी गरीबी और बेबसी का फायदा उठाकर करा रहे धर्मांतरण
घाटमपुर, चकेरी, रावतपुर, कर्नलगंज और कोहना के बाद अब छठीं FIR नवाबगंज थाने में दर्ज हुई है। हर बार की तरह विष्णुपुरी के श्रमिक कॉलोनी में बनी चर्च में भी सैकड़ों लोगों को बुलाकर रुपए, नौकरी, शादी, इलाज का लालच देकर ईसाई बनने के लिए मोटीवेट किया जा रहा था। नवाबगंज पुलिस ने छापेमारी करके पकड़ा तो पूरे खेल का खुलासा हुआ।
पुराना कानपुर के रहने वाले अमन गौतम का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। अमन पर परिवार के लोगों ने उसकी और परिवार की बेहतरी का दावा करते हुए ईसाई बनने का प्रस्ताव रखा तो वह बागी हो गया। उसने परिवार से खिलाफत करते हुए विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद नवाबगंज थाने में तहरीर देकर धर्मांतरण कराने वाले ठेकेदारों के खिलाफ FIR दर्ज कराई।
अब आपको पढ़वाते हैं कहां-कहां दर्ज हुई धर्मांतरण की FIR
घाटमपुर में 15 से चर्च बनाए, सैकड़ों का कराया धर्मांतरण
पहला मामला घाटमपुर का है। जहां पुलिस ने FIR दर्ज करके दो आरोपियों को जेल भेजा था। यहां पर 15 से ज्यादा नई चर्च बन गई। इसके बाद सैकड़ों परिवार का धर्मांतरण करा दिया गया है। आरोपी जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से अपने धर्म के प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। घाटमपुर में चंद सालों में ही हजारों लोग क्रिश्चन बन गए और अब लोगों को घूम-घूम कर क्रिश्चयन बनने के लिए मोटीवेट कर रहे हैं।
कोरियन श्याम नगर में करा रहे थे धर्मांतरण
दूसरी घटना 4 मार्च 2023 की चकेरी थाना की है। जहां पुलिस ने धर्मांतरण के एक बड़े सिंडीकेट का खुलासा किया था। पुलिस ने मामले में कोरिया का रहने वाला अभिजीत और रजत जिप्सम को अरेस्ट करके जेल भेजा था। अब जांच में सामने आया है कि जेल भेजा गया। धर्मांतरण गिरोह का मास्टर माइंड कोरिया का रहने वाला रजत जिप्सम है। बीते ढाई सालों से वह श्याम नगर में किराए का फ्लैट लेकर धर्मांतरण की क्लास चला रहा था। पुलिस ने दोनों को जेल भेजा था, लेकिन आज तक सिंडीकेट के सरगना की पुलिस तलाश नहीं कर सकी।
किडनी बदलवाने के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश
तीसरा मामला रावतपुर की थारू बस्ती की है। यहां नीरज नाम के युवक की ज्यादा शराब पीने से किडनी और लीवर खराब हो गया था। एक व्यक्ति खुद को पंजाब से आने की बात कहकर बस्ती में पहुंचा।
वहां के बीमार लोगों की जानकारी जुटाई और नीजर की किडनी व लीवर का इलाज कराने की बात कही थी। इसके बाद लोग उसके मुरीद हो गए और वहां प्रार्थना सभा होने लगी और इसमें सैकड़ों की भीड़ जुटने लगी थी। लेकिन मामला रावतपुर पुलिस के पास पहुंचा तो धर्मांतरण के आरोपी वहां से भाग निकले थे।
कर्नलगंज में देर रात चल रही थी धर्मांतरण की क्लास
चौथा मामला कर्नलगंज थानाक्षेत्र में सामने आया। यहां के चुन्नीगंज स्थित एपी फैनी स्कूल परिसर में एक महीने पहले ईसाई समाज के लोग धर्मांतरण के लिए बड़े पैमाने पर एक हिंदुओं की जनसभा कर रहे थे। इसमें शामिल होने वाले हिंदुओं को धर्मांतरण के लिए मकान, शादी, नौकरी और तमाम सारे प्रलोभन देकर धर्मांतरण के लिए मोटीवेट किया जा रहा था। मामले की जानकारी मिलते ही बजरंग दल और हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पहुंचे और जमकर हंगामा किया। इसके बाद कर्नलगंज थाने की पुलिस ने विष्णुपुरी निवासी पादरी अमित लॉयल समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज करके अरेस्ट कर लिया था।
मन्नी पुरवा के सैकड़ाें परिवार रातों-रात बन गए क्रिश्चियन
पांचवा मामला कोहना थाना क्षेत्र के मन्नीपुरवा बस्ती का है। मिशनरियों ने नवाबगंज की मन्नीपुरवा बस्ती को टारगेट करके करीब 4 से 5 साल में करीब 200 हिन्दुओं का धर्मांतरण कराकर क्रिश्चयन बना दिया। इतना ही नहीं विष्णुपुरी में समृद्ध चर्च भी स्थापित करवा दी। यहां पर लोगों की प्रार्थना सभाओं का आयोजन होने लगा।
प्रार्थना सभा में शामिल होने का झांसा देकर उन्हें बुलाया जाता और रुपए, नौकरी, शादी और इलाज समेत अन्य समस्याओं का समाधान करने का लालच देकर उन्हें ईसाई बना दिया गया। जिनके आगे दो वक्त की रोटी के लाले और इलाज कराना असंभव था। उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर मिशनरियों ने एक के बाद एक करके करीब 200 से ज्यादा परिवारों को क्रिश्चयन बना दिया।
सभी केसों में एक ही तरह का लालच
कानपुर में अलग-अलग 6 मामलों में देखने को सामने आया कि धर्मांतरण सिंडीकेट सिर्फ गरीब बस्तियों को ही टारगेट कर रहा है। आर्थिक रूप से कमजोरों को सबसे पहले तो 30 से 50 हजार कैश, इसके बाद उनके घर में बीमार व्यक्ति का इलाज, फिर रहने की व्यवस्था और इसके बाद बच्चों को मिशनरी स्कूल में मुफ्त शिक्षा का झांसा दिया जाता है।
उन्हें वीडियो और साहित्य के जरिए मोटीवेट करके बताया जाता है कि ईसाई बनते ही किस तरह से रातों-रात पूरे परिवार की लाइफ स्टाइल बदल जाएगी। इस तरह से परिवार को झांसे में लेकर हिन्दू से ईसाई बनाते हैं। इसके बाद उन्हें भी अपने धर्म प्रचार में लगाकर दूसरों को धर्मांतरण के लिए मोटीवेट करते हैं। इनके लिए धर्मांतरण का काम कराने वालों को भी यह प्रत्येक महीने 10 से 30 हजार तक की सैलरी समेत अन्य सुविधाएं देते हैं।
धर्मांतरण को विदेश से हो रही फंडिंग
इन सभी केसों में पुलिस की जांच में सामने आया कि धर्मांतरण के लिए कहीं न कहीं से फंडिंग की जा रही है। जिससे लोगों को रुपए देकर धर्मांतरण करने से लेकर उन्हें मोटीवेट किया जाता है। इससे पहले चकेरी में कोरियन धर्मांतरण कराते पकड़े गए थे। जांच में सामने आया था कि उनके पास से विदेशी फंडिंग हाे रही है।
धर्मांतरण और प्रचार प्रसार के लिए करोड़ों रुपए फंडिंग करने वाले विदेश में बैठकर पूरा सिंडीकेट चला रहे हैं। खुले आम लोगों को ईसाई बनाने के लिए प्रार्थना सभा समेत अन्य प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन पुलिस सिंडीकेट के पीछे कौन लोग हैं, कैसे पूरा सिंडीकेट ऑपरेट हो रहा है। इसका खुलासा आज तक नहीं कर सकी है। धर्मांतरण के खेल में निचले पायदान पर काम कर रहे लोगों को जेल भेजकर अपना पल्ला झाड़ लेती है।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर बोले- जरूरत पड़ी तो SIT गठित होगी
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि धर्मांतरण को लेकर दर्ज हुई FIR की निष्पक्ष जांच करके आरोपियों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। इन सभी केसों की समीक्षा की जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो SIT गठित करके धर्मांतरण सिंडीकेट की जांच कराई जाएगी।