मराठा आरक्षण की मांग के दौरान जालना में प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किए जाने की घटना के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समुदाय की मांगों पर चर्चा करने के लिए मराठा आरक्षण पर राज्य की कैबिनेट उप समिति की बैठक करेंगे। साथ ही उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मराठा समुदाय की मांगों पर चर्चा करने के लिए चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल को फोन किया। इससे पहले, फडणवीस ने फोन पर पाटिल को आश्वासन दिया कि जालना में हुई घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। वहीं, मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल को लेकर हिंसा भड़कने के दो दिन बाद, राज्य सरकार ने उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।
मनोज जारांगे का बातचीत से इनकार
खबर यह है कि मराठा नेता मनोज जारांगे ने महाराष्ट्र सरकार से बातचीत करने से इनकार कर दिया है। इस बीच, मराठा आरक्षण की मांग के दौरान जालना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की निंदा करने के लिए मराठा क्रांति मोर्चा (एमकेएम) राज्य के विभिन्न हिस्सों में एक दिवसीय बंद का आयोजन कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कार्रवाई पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए छत्रपति संभाजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) में एक सड़क भी अवरुद्ध कर दी। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि वह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा करेंगे और आश्वासन दिया कि यदि आरक्षण मुद्दा हल करने लायक है, तो हम इसे निश्चित रूप से हल करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि लाठीचार्ज करने वाला मराठवाड़ा में होना चाहिए।
संजय राउत का बयान
शिवेसना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के के नेता व राज्यसभा के सदस्य संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि आखिरकार पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज का आदेश किसने दिया था। संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राउत ने सवाल उठाया, ‘‘शीर्ष अधिकारयों के आदेश बगैर मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री के कार्यालय से किसने फोन किया था?’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस कभी भी लाठी चार्ज करने या गोली चलाने जैसी कार्रवाई नहीं करेगी। हम जानना चाहते हैं कि किसने फोन पर ये अदृश्य आदेश दिए थे।’’ राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा अजित पवार जनरल डायर की मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे मराठा प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज और गोलीबारी का आदेश दिया।’’