New Delhi: AI की मदद से परिचितों की आवाज निकाल रहे हैं ठग, फोन उठाते ही अकाउंट हो सकता है साफ, जान लें बचने के तरीके

New Delhi: AI की मदद से परिचितों की आवाज निकाल रहे हैं ठग, फोन उठाते ही अकाउंट हो सकता है साफ, जान लें बचने के तरीके

नई दिल्ली: जरा सोच के देखिए कि अगर आपके रिश्तेदारों, दोस्तों, बच्चों, परिचितों या यहां तक कि आपकी आवाज का इस्तेमाल कर फाइनेंशियल फ्रॉड किया जाए. तो आपके लिए कितना खतरनाक होगा? दरअसल, ऐसी घटनाएं लोगों के साथ हो रही हैं.

एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के एक शख्स के साथ 30 हजार रुपये की ठगी हुई और ये ठगी AI वॉयस क्लोनिंग टूल की मदद से की गई थी. इस शख्स को स्कैमर की ओर से एक कॉल आया जिसने शख्स के दोस्त की आवाज में बात की और कहा कि उसे पैसों की जरूरत क्योंकि एक एक्सीडेंट के बाद वह अस्पताल में एडमिट है. बाद में जब इस शख्स ने अपने दोस्त को दोबारा सेहत जानने के लिए फोन किया तब पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है. एक ऐसा ही घटना शिमला में घटी जहां एक शख्स ने दो लाख रुपये गंवा दिए. इस घटना में अपराधी ने शख्स के अंकल की आवाज के साथ बात किया था.

एक हालिया McAfee रिपोर्ट के मुताबिक करीब 83 प्रतिशत भारतीयों ने ऐसे स्कैम्स में अपने पैसे गंवा दिए हैं. वहीं, 69 प्रतिशत भारतीय ह्यूमन और AI जनरेटेड आवाज में अंतर नहीं कर सके.

आर्टफिशियल इंटेलीजेंस ने आवाज की क्लोनिंग करना अपराधियों के लिए आसान बना दिया है. इसी वजह से ऑनलाइन फ्रॉड्स में बढ़ोतरी हुई है. AI वॉयस क्लोनिंग को वॉयस सिंथेसिस और वॉयस मिमिक्री के नाम से भी जाना जाता है. ये एक टेक्नोलॉजी है, जिसमें मशीन लर्निंग या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किसी इंसान की आवज की नकल उतारने के लिए किया जाता है. इसके लिए एक तय मात्रा में उस इंसान का वॉयस डेटा चाहिए होता है. इस डेटा का इस्तेमाल वॉयस डेटा का एनालाइज करने और यूनिक वोकल कैरेक्टरिस्टिक्स को सीखने के लिए किया जाता है. वॉयस क्लोन बनाने के लिए काफी सारे फ्री और पेड टूल्स हैं, जिनका इस्तेमाल वॉयस क्लोन क्रिएट करने के लिए किया जाता है. इसी के जरिए किसी के साथ धोखाधड़ी भी की जा सकती है.

ऐसे में आइए जानते हैं कि AI वॉयस स्कैम्स से कैसे बचा जा सकता है:

किसी भी अनजान कॉल्स को लेकर रहें सतर्क: अगर आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आए तो बिलकुल सतर्क हो जाएं. अगर आपको ऐसा लगे भी कि ये आपके किसी परिचित की आवाज है और वह पैसे या निजी जानकारी आपसे चाह रहा है तो तुरंत हां न करें. आप उनसे कुछ ऐसे सवाल पूछ सकते हैं जो केवल आप दोनों को ही पता हो. ताकी आप वेरिफाई कर सकें.

ध्यान से सुनें: आई कॉल को ध्यान से सुनें और देखें कि कहीं इसमें कोई अननैचुरल पॉज या रोबोटिक स्पीच स्टाइल तो नहीं है. साथ ही उच्चारण में त्रुटियों या बोलने के लहजे में बदलाव की भी जांच करें. ये भी देखें कि कहीं आवाज में इमोशनल एक्सप्रेशन है या नहीं.

पैसे मांगने पर ज्यादा सावधान रहें: आमतौर पर साइबर अपराधी पैसों की ठगी इस तरह से करते हैं उन्हें वापस पाना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में अगर ज्यादा पैसों की डिमांड की जा रही है तो दो-बार सोचे. वजह पूछें. आपके पास मौजूद नंबर्स पर कॉल करें फिर ही कोई निर्णय लें.

ऑडियो क्लिप कहीं भी डालने से बचें: आपकी आवाज का क्लोन बनाना काफी आसान है. स्कैमर्स पब्लिक डोमेन में मौजूद ऑडियो क्लिप्स का इस्तेमाल करते हैं. पहले ये आवाज की क्लोनिंग करते हैं फिर आपके परिचितों को फोन करते हैं.

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