लखनऊ से बड़ी खबर है। यहां केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के घर में एक युवक की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंत्री के बेटे की पिस्टल से वारदात को अंजाम दिया गया है। खून से लथपथ शव घर के अंदर मिला है। पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है। मृतक युवक का नाम विनय श्रीवास्तव है। वह मंत्री कौशल किशोर के बेटे विकास उर्फ आशू का दोस्त है।
DCP राहुल राज ने बताया कि रात में मंत्री के बेटे के घर पर 6 लोग आए थे। देर रात तक खाना पीना चला। उसके बाद घटना हुई। जानकारी पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद शव को कब्जे में लिया गया है। युवक के सिर में चोट के निशान हैं। एक पिस्टल भी मिली है। पिस्टल विकास किशोर की बताई जा रही है। हत्या के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
घर में अकेले रहता है मंत्री का बेटा
विनय श्रीवास्तव भाजपा कार्यकर्ता था। लखनऊ के दुबग्गा स्थित जिस घर में वारदात हुई। वह मंत्री के बेटे विकास किशोर का है। वह पिता से अलग घर में अकेले रहता था। घटना की सूचना पर कौशल किशोर भी मौके पर पहुंचे। वहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, घटना के वक्त उनका बेटा घर में नहीं था।
घर में कौन-कौन रहता था? इस पर कौशल किशोर ने कहा कि ये तो मुझे नहीं पता। बेटा आशू कल दिल्ली चला गया था। एक लोग की तबीयत खराब थी। वो फ्लाइट से आ रहा है। विनय आप लोगों के साथ कब से था? जवाब में मंत्री ने कहा कि मृतक और उसका परिवार मेरा बहुत करीबी है। विनय 2017 विधानसभा चुनाव से साथ हम लोगों के रहता था। मैं इस दुख की घड़ी में उनके साथ हूं। कौन लोग है इसमें शामिल अब ये पुलिस जांच कर रही है।
क्या बेटे की पिस्टल से ही हत्या हुई है? जवाब में मंत्री ने कहा कि यह जांच का विषय है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी। हम परिजनों के साथ हैं। जब मुझे घटना का पता चला, तो मैंने ही पुलिस कमिश्नर को फोन करके इसकी सूचना दी। पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, किन हालातों में हत्या हुई? यह जांच का विषय है।
भाई का शर्ट फटा था, उसके सिर में गोली लगी थी
उधर, मृतक विनय श्रीवास्तव के परिजनों ने ठाकुरगंज थाने में लिखित तहरीर दी है। इसमें जिक्र किया है कि मंत्री के घर में अजय रावत, शमीम, अंकित और बाबा रहते हैं। मृतक के भाई विकास का कहना है कि हमको बहुत रात में सूचना मिली कि जल्दी किशोर के घर पहुंच जाओ। मेरे छोटे भाई ने ये सूचना दी थी।
विकास ने बताया कि मैं किशोर के घर पहुंचा, तो मेरा भाई जमीन पर पड़ा था। खून से सना था, माथे के ऊपर गोली लगी थी। जिन लोगों पर हत्या का शक है, उनके खिलाफ तहरीर दी है। मंत्री ने न्याय दिलाने की बात कही है। हर संभव मदद कर रहे हैं। मेरा भाई विकास मंत्री के बेटे का राइट हैंड था। मेरे भाई की कोई पुरानी रंजिश नहीं थी। घटना के बाद मेरे भाई का शर्ट फटा था।
दो दिन पहले अपनी ही सरकार को मंत्री ने घेरा था
बुधवार को केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने सर्वोच्च प्राथमिकता कार्यों व कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने अपनी ही सरकार में विभागों पर गंभीर सवाल उठाए थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण यानी LDA और लेसा की कार्यशैली पर तल्खी जताते हुए दोनों विभागों को लूट का अड्डा बताया था। बैठक में निर्देश भी दिया गया कि 17 सितंबर के बाद हर विधानसभा क्षेत्र में LDA और लेसा से पीड़ित लोगों की सुनवाई की जाएगी।
पति सांसद, पत्नी विधायक...विवादों से भरी रही पारिवारिक जिंदगी
कौशल किशोर का पारिवारिक जीवन विवादों से भरा रहा है। इनके बेटे आकाश किशोर का निधन नशे की लत के चलते अक्टूबर, 2020 में हो गया। आकाश को नशा मुक्ति केंद्र भी भेजा गया था, उसकी शादी भी कराई गई थी पर हालात नहीं सुधरे थे।
बाद में कौशल किशोर ने ट्वीट करके कहा था, मैंने एक गलती करके अपने नशा करने वाले लड़के की शादी कर दी, जिसकी वजह से आज मेरी बहू विधवा हो गई। अब कोई और लड़की विधवा न हो, इसलिए अपनी लड़कियों की शादी किसी भी नशा करने वाले व्यक्ति से न करें, चाहे वह कितने बड़े पद, पोस्ट पर हो और चाहे कितना ही वह अमीर हो।
साल 2021 में कौशल किशोर के बेटे आयुष किशोर की पत्नी अंकिता के नस काटकर खुदकुशी की कोशिश का विवाद गहराया था। आयुष का नाम तब फिर विवादों में फंसा जब उसने खुद पर बदमाशों द्वारा गोली चलाने का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आयुष ने अपने साले आदर्श के जरिए गोली चलवाई थी।
कौशल किशोर का राजनीतिक सफर....
कौशल किशोर लखनऊ की सुरक्षित सीट मोहनलालगंज से लगातार दूसरी बार सांसद हैं। वह 6 बार विधानसभा का चुनाव हारे हैं। साल 2013 में बीजेपी में शामिल होने से पहले इन्होंने राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नाम से एक पार्टी बनाई थी।
कौशल किशोर एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ते रहे। पहला चुनाव साल 1989 में लखनऊ महिलाबाद (सुरक्षित सीट) से बतौर निर्दलीय लड़ा था। इसमें 1800 वोट पाकर हार गए। साल 1991 और 1993 का चुनाव भी हारे।
पहली बार 2002 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली। मलिहाबाद से विधायक बने।मुलायम सरकार में श्रम राज्यमंत्री बने। पर 8 महीने बाद सरकार से अलग हो गए।
साल 2007 का चुनाव हार गए। साल 2009 में मलिहाबाद का विधानसभा उपचुनाव लड़े पर हार गए। 2012 विधानसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। इस तरह 1989 से लेकर 2014 तक कौशल किशोर 6 बार विधानसभा के चुनाव हारे।
बीजेपी में शामिल होने के बाद 2014 में लखनऊ की मोहनलालगंज (सुरक्षित सीट) से बसपा के आरके चौधरी को हराकर सांसद बने। 2019 में भी इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीत गए। इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। इनकी पारंपरिक मलिहाबाद सीट से 2017 और 2022 में इनकी पत्नी जयदेवी कौशल विधायक बनीं।