New Delhi: 300 कमांडो, रूट पर सीक्रेट सर्विस, कार में न्यूक्लियर स्विच…दिल्ली आ रहे बाइडेन का ऐसा होगा सुरक्षा कवच

New Delhi: 300 कमांडो, रूट पर सीक्रेट सर्विस, कार में न्यूक्लियर स्विच…दिल्ली आ रहे बाइडेन का ऐसा होगा सुरक्षा कवच

देश की राजधानी दिल्ली G20 समिट की मेजबानी के लिए तैयार है. अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, इटली जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस समिट में हिस्सा लेंगे. जहां भी इस तरह की बैठकें होती हैं वहां पर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती होती है. इन सभी नेताओं में सबसे ज्यादा कड़ी सुरक्षा अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन की होगी.

देश की राजधानी दिल्ली में होने वाली जी20 की आगामी बैठक पर पूरी दुनिया की नजर है. जहां भी यह बैठक होती है वहां पर सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा व्यवस्था होती है. इस बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति भी शामिल होंगे. इसी तरह से चीन, जर्मनी, कनाडा, इटली, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब के राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे. ये सभी मेहमान और उनके साथ आने वाले प्रतिनिधि दिल्ली के 23 और NCR के 9 होटल्स में रुकेंगे.

इनमें सबसे ज्यादा कड़ी सुरक्षा अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन की होगी. बाइडेन 7 से 10 सितंबर तक भारत में रहेंगे. वो नई दिल्ली में ITC मौर्य होटल में ठहरेंगे. बाइडेन को इस होटल की 14वीं मंजिल पर प्रेजिडेंशियल सुइट में ठहराया जाएगा. होटल के 400 कमरे बुक हैं.

ऐसी होगी बाइडेन की सुरक्षा

जानकारी है कि इस दौरान बाइडेन US सीक्रेट सर्विस के 300 कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहेंगे. दिल्ली की सड़कों पर निकलने वाला सबसे बड़ा काफिला भी उनका ही होगा, जिसमें 55-60 वाहन शामिल होंगे. बाइडेन 7 सितंबर को एयरफोर्स वन से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेंगे जिसके बाद वो भव्य काफिले के साथ ITC मौर्य होटल रवाना होंगे. उनके साथ लगभग चार सौ लोगों की टीम ITC मौर्य में ठहरेगी. जिस मार्ग से राष्ट्रपति का काफिला गुजरेगा, उसे पूरी तरह से सीक्रेट सर्विस अपने कब्जे में ले लेगी.

भारत की लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के साथ मिलकर अमेरिका की सीक्रेट सर्विस विंग ने पहले ही होटल की सुरक्षा का घेरा तैयार कर लिया है. ऐसी जानकारी है कि इस दौरान उनके आसपास अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के लगभग 300 कमांडो तैनात होंगे. बाइडेन के कारकेड यानी काफिले में 55-60 गाड़ियां होंगी. जिस वाहन में बाइडेन होंगे, उसे अमेरिका से दिल्ली लाया जाएगा. इसके बारे में कहा जाता है कि उसपर भारी हथियारों का असर नहीं होता.

बाइडेन की बुलेटप्रूफ कार पर हैंड ग्रेनेड, IED या हल्का मिसाइल अटैक बेअसर रहता है. यहां तक कि केमिकल अटैक और न्यूक्लियर अटैक से भी ये गाड़ी महफूज रहती है. राष्ट्रपति की गाड़ी के टायर भी बुलेटप्रूफ होते हैं. यूएस प्रेसिडेंट के काफिले में ऐसी कुल मिलाकर 3 गाड़ियां होती हैं जिस कार में बाइडेन होंगे उसमें फुटबॉलनुमा एक उपकरण लगा है. यानी एक ऐसा स्विच जिसका इस्तेमाल वो इमरजेंसी के दौरान कर सकेंगे.

ये असल में एक न्यूक्लियर स्विच होता है. अगर अमेरिकी राष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में अमेरिका में कुछ ऐसा होता है कि उन्हें न्यूक्लियर पावर का इस्तेमाल करना जरूरी लग रहा है, तब वो दिल्ली में अपनी कार के अंदर बैठे-बैठे ही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जिस भी देश की यात्रा करते हैं तो उस वक्त उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी मौजूद रहती है जिनके पास प्रेसिडेंट के ब्लड ग्रुप का ब्लड पैकेट होता है और वो आपात हालात में उन्हें बचाने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

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