Modi सरकार ने बुलाया संसद का विशेष सत्र, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीन डिमांड रखी

Modi सरकार ने बुलाया संसद का विशेष सत्र, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तीन डिमांड रखी

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह स्पेशल सत्र के दौरान चीन पर बात करना चाहते हैं. चीन ने हाल ही में अपना कथित नया मैप जारी किया है. इसपर भारत ने विरोध दर्ज किया था. एआईएमआईएम चीफ ने इसके साथ ही तीन डिमांड रखी है.

केंद्र सरकार ने संसद का स्पेशल सत्र बुलाया है. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि वह इस सत्र की पहले से ही मांग कर रहे थे. संसद के स्पेशल सत्र के लिए उन्होंने तीन मांगें रखी है. वह इस दौरान चीन के कथित नए आधिकारिक मैप पर बात करना चाहते हैं. रोहिणी समिति की आरक्षण संबंधी रिपोर्ट पर चर्चा चाहते हैं और इसरो साइंटिस्ट और नीरज चोपड़ा को संसद में सम्मानित होता देखना चाहते हैं.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. वह डेपसांग और डेमचोक को छोड़ नहीं रहा है. जब विशेष सत्र बुलाया जा रहा है तो उम्मीद है कि पीएम चीन के मुद्दे पर चर्चा की इजाजत देंगे. इनके अलावा वह रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट पर भी चर्चा चाहते हैं. केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर तक संसद का स्पेशल सत्र बुलाया है. इस दौरान माना जा रहा है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर विधेयक पेश किया जा सकता है.

असदुद्दीन ओवैसी की संसद सत्र के दौरान मांगें

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारी मांग है कि मोदी सरकार विशेष सत्र में एक विधेयक लाए ताकि 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ा जा सके. एआईएमआईएम चीफ ने मांग की कि चंद्रयान-3 देश के लिए एक बड़ी सफलता है. ऐसे में इसरो के साइंटिस्ट को संसद में बुलाकर उन्हें सम्मानित करने की मांग की. उन्होंने नीरज चौपड़ा को भी संसद में बुलाने और सम्मानित करने की मांग की, जिन्होंने हाल ही में भारत के लिए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है.

#WATCH संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा, “…हम शुरू से ही विशेष सत्र की मांग कर रहे थे क्योंकि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। चीन डेपसांग और डेमचोक को छोड़ नहीं रहा है…जब वे एक विशेष सत्र बुला रहे

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को ओवैसी ने बताया अवैध

असदुद्दीन ओवैसी एक बैरिस्टर भी हैं. वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर कथित रूप से पेश किए जाने वाले को उन्होंने असंवैधानिक करार दिया. उन्होंने कहा, क्योंकि संघवाद भारत की मूल संरचना का एक हिस्सा है. राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है. बिल को पास कराने के लिए इसके समर्थन में दोनों सदनों में 67-67 फीसदी वोट चाहिए होता है. लोकसभा में 61 फीसदी तो राज्यसभा में सत्ता पक्ष के पास 38 फीसद वोट है. उन्होंने कहा कि विपक्षी शासित राज्य इसे स्वीकार नहीं करेंगे और सरकार यह भी बता दे कि शीतकालीन सत्र कब होगा? साथ ही विपक्ष शासित कई राज्य भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे…हमारी मांग है कि मोदी सरकार अभी से ही देश को बता दे कि शीतकालीन सत्र कब होगा.

Leave a Reply

Required fields are marked *