RO का कौन सा पार्ट खारे पानी को बनाता है मीठा, कितने दिन बाद इसे करना चाहिए चेंज, जानिए

RO का कौन सा पार्ट खारे पानी को बनाता है मीठा, कितने दिन बाद इसे करना चाहिए चेंज, जानिए

नई दिल्ली: आज के समय में ज्यादातर घरों में पीने के पानी को साफ करने के लिए RO का इस्तेमाल किया जा रहा है. कई शहरों मे तो खारे पानी को घरों में आरओ की मदद से पीने योग्य बनाया जाता है. कभी आपने सोचा है कि, RO में पानी किस तरीके से स्वच्छ होकर पीने योग्य तैयार किया जाता है. अगर नहीं सोचा तो परेशान न हों. आपको हम बता देते हैं.

RO में पानी को साफ करने के लिए कई फिल्टर, मेमरेन और यूवी लाइट का यूज किया जाता है. इन तीनों के पास से पानी गुजरने के बाद साफ होता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि, आखिर कैसे इन तीनों में पानी को साफ करने के लिए कौन कौन से चरण पूरे करने होते हैं.

RO में फिल्टर का यूज

RO में आमतौर पर तीन फिल्टर दिए जाते हैं. इन फिल्टर की मदद से पानी में से धूल-धकड़ को अलग किया जाता है. आपने अक्सर देखा होगा RO के बाहर जहां पानी का कनेक्शन होता है, वहां एक सिलेंडर नुमा पार्ट रहता है. इसके अंदर पहला फिल्टर होता है, जो तीन महीने पर बदल देना चाहिए. इसके बाद पानी को रिफाइन करने के लिए दो और फिल्टर दिए जाते हैं.

Membrane का यूज

RO में सामान्य फिल्टर के अलावा Membrane भी होती है. इसमें बहुत बारीक फिल्टर होते हैं, जो खारे पानी में से नमक को अलग करके पानी को मीठा बना देते हैं. Membrane आरओ में करीब एक साल तक यूज की जा सकती है. अगर आरओ की Membrane खराब होती है, तो पानी का स्वाद बदलना शुरू हो जाता है.

यूवी लाइट तकनीक का यूज

जिस तकनीक की हम बात कर रहे हैं उसे यूवी लाइट तकनीक कहते हैं या फिर इसे आप अल्ट्रावायलेट तकनीक भी कह सकते हैं. यह प्रक्रिया वाटर प्यूरीफायर के सबसे अंतिम चरण में होती है जिसमें पानी में मौजूद कीटाणुओं का सफाया कर दिया जाता है और जो पानी आप पीते हैं वह पूरी तरह से शुद्ध होता है और आपके शरीर पर किसी तरह का बुरा प्रभाव नहीं डालता है.

इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए एक खास चेंबर बनाया जाता है जिसमें अल्ट्रावायलेट लाइटिंग मौजूद होती है. आपने सुना होगा कि अल्ट्रावॉयलेट लाइट आपके शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है और यह स्किन पर काफी बुरा प्रभाव भी डालती है ठीक वैसे ही यह लाइट पानी के बैक्टीरिया को भी खत्म करती है और जैसे ही इस लाइट को ऑन किया जाता है बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं.

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