वाराणसी के कमिश्नरेट सभागार में वायरलेस के साथ मोबाइल वायरलेस ( पुस टू टॉक) का परीक्षण किया गया। इससे पुलिस का कम्युनिकेशन सुरक्षित होगा। वहीं इसके अनगिनत फायदे हैं। इससे क्राइम कंट्रोल में आसानी होगी। वहीं श्री काशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता होगी।
वाराणसी जोन में मोबाइल वायरलेस तकनीक परीक्षण होगा। अधिकारियों ने बताया कि इससे वन टू वन, वन टू मेनी कम्युनिकेशन हो सकता है। इसके अलावा जीओ फेंसिंग, जीओ टैकिंग समेत अनगिननत फायदे होंगे। मोबाइल सेट पर वायरलेस सेट के सारे फंक्शन को एक्टिव किस तरह कर सकते हैं, उसका यह एक उदाहरण है। कहा कि यह क्लाउड बेस्ड आर्किटेक्चर है।
सुरक्षा का सर्वोच्च मानक
अभी इसे देखा जाएगा कि यह सुरक्षा मानकों को पर खरा उतर रहा है कि नहीं। इसमें एईएस 256 सब्सक्रिप्शन उपलब्ध है, जो सुरक्षा का सर्वोच्च मानक है। एजेंसियों से सर्टिफिकेशन करने के बाद ही इसे लांच करने पर निर्णय लिया जाएगा। इसके जरिये फोटो, लाइव वीडियो भेज सकते हैं। इसको जेब पर लगाया तो बाडी वार्न कैमरे की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
अलग से हार्डवेयर अथवा टावर लगाने की जरूरत नहीं
पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने बताया कि इस एप्लिकेशन को विथ ड्यू अथराइजेशन एक्टिवेट किया जाएगा। यह सबके लिए नहीं होगा। जिसको अनुमति दी जाएगी, वही इसे डाउनलोड कर पाएगा, दूसरा कोई इसे डाउनलोड नहीं कर सकता। कहा कि यह एक लांग कास्ट सल्यूशन है। इसके लिए अलग से हार्डवेयर अथवा टावर लगाने की जरूरत नहीं है। फिलहाल इसका जीरो कास्ट पर ट्रायल किया जा रहा है। पुलिस वायरलेस सिस्टम चलता रहेगा। ट्रालय के अनुभव के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।