Uttar Pradesh: काशी में सम्मानित होंगे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के वंशज, दयानंद की 200वीं जयंती पर एक साथ होंगे लक्ष्मीबाई, मंगल पांडेय जैसे 11 नायकों के परिवार

Uttar Pradesh: काशी में सम्मानित होंगे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के वंशज, दयानंद की 200वीं जयंती पर एक साथ होंगे लक्ष्मीबाई, मंगल पांडेय जैसे 11 नायकों के परिवार

जंग-ए-आजादी में कुर्बान हुए 11 महान शहीदों के वंशजों का पहली बार काशी में सम्मान होगा। वाराणसी में 3 सितंबर को झांसी की रानी, मंगल पांडेय, शहीद-ए-आजम भगत सिंह, लोकमान्य तिलक, अशफाक उल्ला खां, राजगुरु, सुखदेव, राम प्रसाद बिस्मिल, दुर्गा भाभी, सरदार उधम सिंह और शहीद ठाकुर रोशन सिंह के परिवार के लोगों को जनता के सामने लाया जाएगा।

3 सितंबर को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर काशी वैश्विक गौरव सम्मान दिया जाएगा। हर बार यह सम्मान समाज में बेहतर काम करने वालों को दिया जाता रहा है। मगर, इस बार इसकी थीम पूरी तरह से बदल दी गई है। इस कार्यक्रम में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और स्टांप शुल्क मंत्री रविंद्र जायसवाल भी रहेंगे।

अब आइए, पढ़ते हैं किन-कन महानायकों के वंशजों का होगा सम्मान...

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे किरनजीत

राजगुरु के पौत्र सत्यशील

सुखदेव के प्रपौत्र अनुज थापर

अशफाक उल्ला खान के प्रपौत्र अशफाक

शहीद ठाकुर रोशन सिंह के पौत्र प्रियांशु

स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है का नारा देने वाले लोकमान्य गंगाधर तिलक के प्रपौत्र शैलेष

​​​​​​​दुर्गा भाभी के प्रपौत्र जगदीश।

झांसी की रानी महान वीरांगना लक्ष्मीबाई की छठवीं पीढ़ी के योगेश राव और अरुण राव।

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हीरो मंगल पांडेय की चौथी पीढ़ी से रघुनाथ पांडेय

​​​​​​​राम प्रसाद बिस्मिल के भतीजे राजबहादुर।

सरदार उधम सिंह के परिवार से मलकीत सिंह।

कार्यक्रम को रक्षा मंत्रालय के अधिकारी अजय सहगल, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नीरज पारिख, भारत विकास परिषद के नमीत पारिख और अलगोल फिल्म्स के एमडी अजय जायसवाल के द्वारा कराया जा रहा है। इन्होंने कहा कि उन महान विभूतियों के वंशजों को सम्मानित कर काशी वैश्विक गौरव सम्मान खुद को गौरान्वित करेगा।

देश आजादी का अमृत महोत्सव भले मना रहा है, लेकिन इसके लिए न जाने कितने फांसी के फंदे पर झूले थे और न जाने कितनों ने गोली खाई थी। तब जाकर हमने यह आजादी पाई थी। देश ऋणी है उन क्रांतिवीरों का जिन्होंने मां भारती को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। ऐसे महानायकों की गाथा खुद उनके वशंज काशी वैश्विक गौरव सम्मान समारोह के दौरान बयां करेंगे।

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