आगरा में अवैध संबंध के शक में पति ने पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी पति ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो बहुत परेशान हो गया था। अगर वो पत्नी को नहीं मारता तो पत्नी उसकी हत्या करवा देती। उसके पीछे आदमी लगवा दिए थे। अपने किए पर उसे पछतावा भी है।
नगला हवेली निवासी शिशुपाल ने अपनी पत्नी दीपमाला की सोमवार रात को गला दबाकर हत्या कर दी थी। पूछताछ में उसने बताया कि रात को उसका पत्नी के साथ विवाद हुआ था। वो फोन पर किसी से बात कर रही थी। उसने अपने कुंडल फेंक दिए थे। विवाद के बाद पत्नी ने उसको मारना चाहा। ऐसे में वो गुस्से में आ गया।
पति ने कहा- पत्नी की हरकतों से बहुत परेशान था। मेरा जीना हराम कर दिया था। ऐसे में गुस्से में उसने पत्नी का गला दबा दिया। हत्या करने के बाद उसे लगा कि पुलिस पकड़ लेगी तो वो लाश को कमरे में छोड़कर बाहर से ताला लगाकर अलीगढ़ में अपने गांव में भाग गया।
दोस्तों की सलाह पर थाने जाकर सरेंडर किया
अलीगढ़ में सुबह पति ने अपने दोस्तों को बताया कि उसने पत्नी की हत्या कर दी है। अब वो क्या करे। इस पर लोगों ने सलाह दी कि भागने से कुछ नहीं होगा। पुलिस तुम्हें पकड़ लेगी। ऐसे में बेहतर होगा कि तुम जाकर सरेंडर कर दो। उसने ऐसा ही किया।
पुलिस को लग गई थी खबर
पत्नी की हत्या कर भागने की खबर न्यू आगरा पुलिस को लग गई थी। मगर, उन्हें घर के बारे में जानकारी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में मंगलवार शाम को जब आरोपी शिशुपाल थाने पहुंचा तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसने पुलिस को बताया कि पत्नी के साथ किराए के मकान पर रहता था। 10 दिन पहले ही वो किराए के मकान पर आया था। उसके तीन बच्चे हैं। बच्चे नगलापदी में नानी के घर पर गए थे। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर ताला तोड़कर कमरे से शव बरामद किया था।
बोला-मैं क्या करता, उसने जीना हराम कर दिया था
पुलिस के सामने आरोपी बार-बार एक ही बात कह रहा था कि मैं क्या करता? उसने मेरा जीना हराम कर दिया था। मैंने उसको बहुत समझाया, लेकिन वो नहीं मानती थी। बदचलन औरत थी। उसके पास कई लड़कों के फोन आते थे। उसके माता-पिता भी उसका पक्ष लेते थे। मैं नहीं मारता तो वो मुझे मरवा देती। अब मुझे पछतावा हो रहा है।
मॉल में करती थी नौकरी
आरोपी ने बताया कि उसकी शादी सात साल पहले हुई थी। पत्नी मॉल में नौकरी करती थी। वो भी चौकीदार का काम करता है। वो मेरी कोई बात नहीं सुनती थी। मैंने उसे प्यार से भी समझाया था, लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुई थीं।