लखनऊ में बुधवार को सीएम योगी ने कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान कार्यक्रम में बच्चियों ने सीएम को राखी बांधी। सीएम ने कहा, अगले वित्त वर्ष में राशि को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करेंगे। बेटी की जन्म लेते ही 5 हजार उसके नाम पर दर्ज होगा। बेटी की उम्र एक साल होगी तक 2 हजार की राशि और पहली क्लास में 3 हजार और नौवीं क्लास में 3 हजार इसके बाद स्नातक में 5 हजार इसके बाद 7 हजार बेटी के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत दी जाएगी। यह सभी बेटियों के लिए रक्षा बंधन पर तोहफ़ा होगा।
योगी ने कहा, रक्षा बंधन के त्योहार पर मंगलवार रात 12 बजे से लेकर 31 अगस्त तक रात 12 बजे तक बसों में यात्रा नि:शुल्क है। सभी बहनें इसका लाभ उठाए। आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के कार्यक्रम को एक नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए।
बेटी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए
उन्होंने कहा, हमारा भारतीय समाज प्राचीन काल से ही मातृ वंदना को उनके प्रति सम्मान के भाव को प्राथमिकता देता रहा है। यही कारण रहा है हर उसे वस्तु को सम्मान की निगाह से समाज ने आगे बढ़ने का कार्य किया है।शासन की योजनाएं समय-समय पर चलाई जाती हैं। डबल इंजन की सरकार का यह मानना है कि बेटी सिर्फ बेटी है। उसे बेटी के साथ कोई भेदभाव किसी भी स्तर पर नहीं होना चाहिए। उसको सुरक्षा मिलना चाहिए उसको संरक्षण मिलना चाहिए और उसे आगे बढ़ाने के पर्याप्त अवसर भी मिलनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि अक्सर यहां पर जब नियुक्ति पत्र वितरित करते हैं। विभिन्न बोर्ड की बोर्ड की परीक्षा में मेरिट सूची में आए हुए बालक बालिकाओं को सम्मानित करते हैं। मैं उसे अवसर पर इस बात को देखता हूं चाहे कोई परीक्षा हो उनके बिना भेदभाव के परिणाम आने लग गए तो बेटियां ज्यादा मेरिट सूची में आने लगे उनका नंबर ज्यादा आता है। पांच बेटियों ने आज जो यहां पर अपने उद्बोधन को अपने सम्मान के माध्यम से अपनी बात को यहां पर रखा है। उनका जो आत्मविश्वास अच्छा लग रहा था। इस बात को प्रदर्शित करता है इस सरकार की जो योजना है वह सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है।
2017 के पहले स्कूलों में नंगे पैर बच्चे जाते थे
उन्होंने कहा कि साल 2017 में जब सरकार बनी थी, उत्तर प्रदेश के अंदर में इस बात को लेकर की बेसिक शिक्षा परिषद के ज्यादातर स्कूलों में जो बच्चे स्कूल जाते थी तभी सरकारी स्कूलों में जाने वाली ज्यादातर बालिकाओं को नंगे पैर स्कूल जाना होता था। क्योंकि बेटी से पहले घर में ही उसके साथ अन्याय शुरू होता है।
शिशु मृत्यु दर को काफी स्तर तक कंट्रोल किया गया
उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल के अंदर बेटी और बेटियों के बीच में जो 1000 की आबादी में अंतर था, उसमें 29 अंकों की बढ़ोतरी हुई। बेटियों की संख्या में वृद्धि करके अनुपात में संतुलन बनाने में सफलता पूरी की। नेशनल एचडी हेल्थ सर्व जब होते थे तो उसमें ज्यादा बच्चों को बीमारियों से मौत की घटनाएं होती थी। उसमें जाकर बच्चियों थी ज्यादातर बछिया में एनीमिया की स्थिति में सुधार हुआ है। नेशनल स्थिति में भी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में उत्तर प्रदेश के आंकड़े इस बात को कहते हैं कि शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक नियंत्रित करने में सरकार को मदद मिली है।
बेटी के जन्म लेते ही 2000 की राशि
सीएम योगी ने कहा बेटी के जन्म लेते ही 2 हजार की राशि बच्ची के नाम होता है। जब बेटी 1 साल की हो सभी प्रकार के टीकाकरण को संपन्न करने पर 1000 की राशि बेटी के खाते में चली जाती है। बेटी पहली क्लास में एडमिशन ले तो उसे 1000 मिलेगा। जब छठी क्लास में पहुंचे तो उसे ₹2000 की राशि मिले। बेटी जब नौवीं क्लास में जाए तो ₹3000 की राशि बेटी के नाम पर जाए और बेटी जब हाई स्कूल के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट का कोर्स करें तो 5000 की राशि सरकार बेटी के अकाउंट में दे सके।
अब तक 2 लाख बेटियों की शादी कराई
उन्होंने कहा कि शादी विवाह के योग्य हो सके और परिवार की स्थिति ऐसे नहीं है कि वह दहेज दे सके, तो उसके लिए मुख्यमंत्री विवाह योजना में ₹51000 की राशि राज्य सरकार उपलब्ध कराती है। अब तक ₹2 लाख बेटियों की शादी कराई जा चुकी है।
किसी योजना के तहत प्रदेश के अंदर 14 लाख से अधिक बेटियों को इस योजना से लाभान्वित किया गया है। योजना में वित्तीय वर्ष में प्रदेश के अंदर हम लोगों ने प्रदेश के अंदर 1 लाख70 हजार अकोला भ्रमित किया है। अब तक 16 लाख 24000 बेटी इस योजना से लाभान्वित हो चुकी है।