नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी में एडवांसमेंट के साथ ही साइबर अपराध के खतरे भी बढ़े हैं. आजकल एक नक नए QR कोड के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ET की रिपोर्ट के मुताबिक एक ताजा घटना इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के 30 साल के प्रोफेसर के साथ घटी है. प्रोफेसर ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपनी वॉशिंग मशीन को सेल के लिए रखा था. इस दौरान के खरीदार ने उन्हें पूरे पैसा ऑफर किया है. फिर पेमेंट प्रोसेस के दौरान बायर ने एक QR कोड भेजकर कहा कि आप इसे स्कैन ताकी आपके पैसे भेजे जा सकें. फिर जैसे ही प्रोफेसर ने इस कोड को स्कैन किया. उनके अकाउंट से 63,000 रुपये कट गए.
QR कोड की जरिए एक-दो और भी घटनाएं हाल फिलहाल में हुई हैं. दरअसल, UPI पेमेंट्स के जरिए ट्रांजैक्शन करना बेहद आसान हो गया है. लेकिन, इससे साइबर अपराध की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं.
QR कोड स्कैम क्या है?
QR कोड स्कैम में अपराधी विक्टिम को एक QR कोड भेजते हैं जो पेमेंट के लिए बिलकुल सही दिखाई देता है. अपराधी इसमें पीड़ित को ये यकीन दिलाने की कोशिश करते हैं कि QR कोड स्कैन कर पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इसके बाद स्कैमर्स पीड़ित को QR कोड स्कैन करने और पैसे रिसीव करने के लिए अमाउंट डालने के लिए कहते हैं. इसके बाद पीड़ित से OTP एंटर करने के लिए कहा जाता है. आपको यहां ध्यान रखना होगा कि QR कोड्स का इस्तेमाल आमतौर पर पैसे भेजने के लिए किया जाता है न कि पैसे रिसीव करने के लिए.
ऐसे में जब लोग किसी के QR कोड को स्कैन करते हैं तब उन्हें ये लगता है कि उन्हें पैसे मिल रहे हैं. लेकिन, असल में सेंडर की जगह उनके ही अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. इस कोड के जरिए विक्टिम के फोन पर मैलवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है और पीड़ित के पर्सनल और फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन को चोरी कर लिया जाता है.
QR कोड स्कैम से ऐसे बचें:
किसी भी अनजान शख्स केसाथ UPI ID या बैंक डिटेल न करें शेयर.
अगर संभव हो तो OLX जैसी साइट्स पर कैश में करें डील.
कभी भी अमाउंट रिसीव करने के लिए न स्कैन करें QR कोड.
पैसे भेजते सयम भी QR से मिली डिटेल को करें क्रॉस चेक.
अगर QR कोड के ऊपर कोई स्टिकर लगा हो तो कर करें स्कैन. क्योंकि, इसमें छोड़खानी संभव हो सकती है.
इसी तरह किसी भी बायर के साथ किसी भी ट्रांजैक्शन से पहले उनकी डिटेल क्रॉस चेक जरूर करें.
अगर जरूरत न हो तो किसी भी अनजान शख्स के साथ अपना मोबाइल नंबर शेयर न करें.