BHU के 2 प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स पर लगा SC/ST एक्ट, पत्रकारिता विभाग की HOD ने दर्ज कराया मुकदमा

BHU के 2 प्रोफेसरों और स्टूडेंट्स पर लगा SC/ST एक्ट, पत्रकारिता विभाग की HOD ने दर्ज कराया मुकदमा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता विभाग में गदर मचा हुआ है। विभागाध्यक्ष ने विभाग के दो असिस्टेंट प्रोफेसरों और 2 स्टूडेंट्स पर SC/ST एक्ट के तहत FIR दर्ज कराया है। पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शोभना नार्लीकर ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. स्वर्ण सुमन और डॉ. अमिता, वहीं छात्र अंकित पांडेय और प्रिंस पांडेय पर मुकदमा करा दिया है। लंका थाने में यह FIR किया गया है।

प्रो. शोभना नार्लीकर ने पत्रकारिता विभाग के शिक्षकों और छात्रों पर आरोप लगाते हुए कहा, दलित प्रोफेसर होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है। कहा कि ये लोग नाजायज रूप से गोलबंद रहते हैं। उन्हें विभाग में न्यूड करके घुमाने की बातें की जाती हैं। 22 मई को 2 बजे एक छात्र चेंबर में आया और कहा कि विभागाध्यक्ष पद से तुमको हटवा देंगे। जान से मार देंगे।

प्रोफेसर बोलीं- अश्लील हरकत की गई

प्रो. नार्लीकर ने FIR कॉपी में कहा कि मैं चेंबर से डर कर मैं जान बचाकर बाहर आई। इस बीच प्रोफेसर के ललकारने पर दो छात्रों द्वारा मेरे कपड़े फाड़कर अश्लील हरकत करने का प्रयास किया गया। प्रोफेसर्स रिकॉर्डिंग कर रहे थे। फिर लात-मुक्का भी चलने लगे। नार्लीकर ने कहा कि घटना का CCTV फुटेज पुलिस को उपलब्ध करा दिया गया है। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन से बात किया गया, लेकिन उन्होंने विभाग का अंद्रूनी मामला बताया है।

6 महीने से अखाड़ा बन चुका है विभाग

BHU के पत्रकारिता विभाग में पिछले 6 महीने से अखाड़ा बना हुआ है। प्रॉक्टाेरियल बोर्ड के सुरक्षाधिकारियों और छात्रों की आपसी नोकझोक चलता रहता है। विवाद काफी गहराता चला जा रहा है। हाल ही में विभागाध्यक्ष नार्लीकर का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें वह नाराज होकर एक छात्र को मारने के लिए सैंडल उठा लेती हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामला काफी गरमा गया था। वहीं, विभाग में अंतर्कलह इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पढ़ाई और शोध का काम भी प्रभावित होता जा रहा है। जब चाहे प्रोफेसर को बंधक बना लिया जाता है तो कभी छात्र धरने पर बैठकर विभागाध्यक्ष पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं। कभी विभागाध्यक्ष पर मनमाना ढंग से मार्क्स देने का आरोप लगता है तो कभी दूसरे प्रोफेसरों से लड़ाई झगड़े की नौबत आ जाती है।

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