केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दो दिन पहले नगर निगम में सरकारी योजनाओं का कैंप लगवाया था। इस कैंप की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। फोटो में केंद्रीय मंत्री सोफे पर बैठे हैं, जबकि एक बूढ़ी महिला जमीन पर बैठकर उनसे बात कर रही है। फोटो को लेकर मंत्री को ट्रोल किया जाने लगा। इसके कुछ घंटे बाद ही मंत्री ने एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें दिख रहा है कि मंत्री ने बूढ़ी महिला को अपनी कार से उसके घर तक भिजवाया।
दरअसल, 26 अगस्त को केंद्रीय राज्यमंत्री ने नगर निगम में सरकारी योजनाओं से वंचित लोगों के लिए कैंप लगवाया था। इस दौरान वहां पर ओमवती नाम की एक बूढ़ी महिला पहुंची। मंच पर केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल बैठे थे। बूढ़ी महिला मंत्री के पैरों के पास जाकर बैठ गई। किसी ने यह फोटो क्लिक कर ली। थोड़ी देर में फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी। फोटो पर मंत्री को ट्रोल किया जाने लगा। कई लोगों ने मंत्री पर कमेंट भी किए।
मंत्री ने वीडियो से दिया जवाब
जाकर महिला के फोटो पर ट्रोल होने की जानकारी पर केंद्रीय राज्यमंत्री की ओर से एक वीडियो जारी किया गया। इस वीडियो में जाकर महिला मंत्री की गाड़ी में बैठी है। वह कह रही है, मंत्री जी अपनी गाड़ी से घर भिजवा रहे हैं। भगवान उनको तरक्की दे। वहीं, केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि जब वह कार्यक्रम में थे तो बूढ़ी महिला अचानक उनके पैरों के पास आकर बैठ गई।
उन्होंने महिला को सोफे पर बैठने के लिए कहा। उन्हें अपने पास बैठाया। वृद्धा ने बताया कि वो दवा लेने आई थी। उसे कैंप के बारे में पता चला, तो वह अंदर आ गई। मंत्री ने खुद अम्मा का प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद अपनी गाड़ी से उसको घर भिजवाया। कुछ लोगों ने राजनीति के चलते केवल उस फोटो को पोस्ट किया। इसके आगे की सच्चाई को खुद बूढ़ी महिला ने बयां किया है।
आगरा में 17 अगस्त को जहां धूप में कलाकार शिवाजी के युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का PSO उनके ऊपर छाता लगाए खड़ा था। मंत्री के ठाठ बिल्कुल छत्रपति जैसे नजर आ रहे थे। इसका वीडियो भी सामने आया था।
वीडियो में दिख रहा था कि PSO (सुरक्षा कर्मचारी) उनके पीछे-पीछे छाता लगाकर चल रहा है। यही नहीं, मंत्री जब मंच पर बैठ गए, तब भी PSO वहां भी छाता लगाकर खड़ा रहा। ये सीन करीब 30 मिनट तक रहा। इसके बाद जब मंत्री को एहसास हुआ कि मंच पर बाकी लोग धूप में बैठे हैं, तो उन्होंने छाता हटाने को कहा। इस दौरान मंच के सामने कलाकार शिवाजी के युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहे थे।
दरअसल, 17 अगस्त 1666 को महाराज छत्रपति शिवाजी अपनी युद्ध क्षमता के बल पर औरंगजेब की कैद से मुक्त होकर आगरा से निकले थे। इस मौके पर आगरा किले के सामने शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर वर्षगांठ पर आयोजन किया गया था।