राज्यसभा की सीट एक, दावेदार कई…BJP किसे भेजेगी संसद? 5 नामों पर चर्चा

राज्यसभा की सीट एक, दावेदार कई…BJP किसे भेजेगी संसद? 5 नामों पर चर्चा

राजनीतिक विश्लेषक विजय ने बताया कि यूपी से एक राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होना है. मेरा ऐसा मानना है कि बीजेपी हमेशा अपने फैसलों से चौंकाती है. वह क्या फैसला लेगी ये सबके अंदाजे से बाहर होता है.

साल के 365 दिन और 24 घंटे चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उत्तर प्रदेश में लोकसभा से पहले राज्यसभा की एक सीट को लेकर उलझी हुई है. मसला राज्यसभा की इस सीट को जीतने का नही है, बल्कि समस्या उम्मीदवार के चयन को लेकर है. यूपी से राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे की निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होने वाला है.

चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, 15 सितंबर को वोटिंग होनी है और उसी दिन वोटों की गिनती भी होगी. वहीं ऐसा तब होगा जब विपक्षी दल अपना उम्मीद्वार उतारते हैं. हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है, लिहाजा बीजेपी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, उसका राज्यसभा पहुंचना लगभग तय है. लेकिन बीजेपी ने भी तक अपने उम्मीदवार का नाम तय नही कर पाई है. वजह इस सीट पर प्रत्याशियों की लंबी फेहरिस्त है.

क्या ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारेगी?

बीजेपी के इस सीट के लिए पूरब से पश्चिम तक वैसे तो दर्जनों दावेदारों है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी इस सीट से किसी ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारेगी. ऐसे में वो चेहरा कौन हो सकता है, इसके लिए इसी महीने के आखिरी में बीजेपी की प्रदेश कोर कमेटी में चर्चा होनी है. इस बैठक में करीब पांच नामों को शॉर्ट लिस्ट कर दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा. लेकिन इससे पहले यूपी बीजेपी में चर्चाओं का बाजार गर्म है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर वो कौन से चेहरे है जिसपर बीजेपी दांव लगा सकती है.

दिनेश शर्मा- चर्चाओं में सबसे पहला नाम दिनेश शर्मा का है. दिनेश शर्मा यूपी प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले पंजाब-चंडीगढ़ के संगठन महामंत्री थे. इन्हें यूपी में संगठन महामंत्री बनाने की चर्चा भी थी, लेकिन यह हो नही पाया. माना जा रहा है कि बीजेपी इस सीट के लिए जिस ब्राह्मण चेहरे की तलाश कर रही है, वो दिनेश शर्मा से पूरा हो सकता है. टीवी9 को मिली जानकारी के मुताबिक इनकी पैरवी सीधे दिल्ली में बैठे कुछ बड़े पदाधिकारी भी कर रहे हैं. संघ में लंबे समय तक काम करने और संगठन में अच्छी पकड़ के साथ ही इनका ब्राह्मण होना, इनकी दावेदारी को और बल दे रहा है.

ब्रज बहादुर- चर्चाओं में दूरा बड़ा नाम प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर हैं. ब्रज बहादुर दूसरी बार प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इससे पहले अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री भी रह चुके हैं. इतना ही नही संघ से भी इनका संमन्वय बेहतर माना जाता है. यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के बेहद करीबी माने जाते हैं. संगठन में भी अच्छी पकड़ है. साथ ही यूपी बीजेपी में जॉइनिंग कमेटी का दायित्व संभाल रहे हैं.

संतोष सिंह- छात्र राजनीति से बीजेपी में आए संतोष सिंह फिलहाल प्रदेश की टीम में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इससे पहले प्रदेश मंत्री रहे हैं. इनकी पैरवी सरकार के एक ताकतवर मंत्री कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी मीडिया टीम से एक ब्राह्मण चेहरे को भी संतोष सिंह की जगह राज्यसभा भेजने की चर्चा तेज है.

कुमार विश्वास- देश जाने माने कवि कुमार विश्वास को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म है. खबर है कि पार्टी का एक बड़ा खेमा कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजना चाहता है. कुमार विश्वास बड़ा नाम और ब्राह्मण होने के साथ ही साथ राष्ट्रवादी विचार के भी हैं. बीजेपी में अप्रैल महीने में जब मनोनीत कोटे से 6 एमएलसी के नाम की घोषणा हुई थी. तभी पार्टी कुमार विश्वास को विधान परिषद भेजना चाहती थी. लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने मना कर दिया था. तब यह बात सामने आई थी कि वह राज्यसभा जाना चाहते हैं. पार्टी संभव है कि इस बार कुमार को राज्यसभा भेज दे.

महेश श्रीवास्तव- पूर्वांचल से संतोष सिंह के अलावा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्य्क्ष रहे महेश श्रीवास्तव का भी नाम चर्चा में है. महेश चंद्र श्रीवास्तव मूल रूप से बनारस के रहने वाले हैं. बीजेपी के काशी क्षेत्र के अध्यक्ष रह चुके हैं. पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के कायस्थों में खासे लोकप्रिय महेश श्रीवास्तव कायस्थ महासभा से भी जुड़े हुए हैं. जातीय समीकरण में कायस्थ जाति के नाम पर अगर मुहर लगती है तो महेश चंद्र श्रीवास्तव की लॉटरी लग सकती है.

हरिद्वार दुबे की रिक्त सीट

राजनीतिक विश्लेषक विजय का कहना है कि उत्तर प्रदेश से एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव होना है. मेरा ऐसा मानना है कि बीजेपी हमेशा चौंकाती है. वह क्या फैसला लेगी ये हम लोगों के अंदाजे से बाहर होती है. हर बार ऐसा हुआ कि जो नाम मीडिया में चले हैं, उसके अलावा कोई दूसरा नाम आ गया. क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में कोई जरूरी नहीं है हरिद्वार दुबे की रिक्त सीट पर कोई ब्राह्मण ही राज्यसभा जाए. इसमें कोई ओबीसी या अन्य कोई भी जाति का भी हो सकता है.

कुमार विश्वास से लेकर कई नामों पर चर्चा

बीजेपी के चुनावी समीकरण में जो फिट बैठेगा पार्टी उसे राज्यसभा भेजकर एक मैसेज दे सकती है. लेकिन फिर भी कुमार विश्वास से लेकर कई नाम चल रहे जो आगे-पीछे हो सकते हैं. विजय का कहना है कि मेरा अपना मानना है कि बीजेपी जब इस तरीके का फैसला लिया है तो सरप्राइज फैक्टर होता है. हो सकता है स्वर्गीय हरिद्वार दुबे के इलाके से ही कोई आये, लेकिन कौन आएगा ये बताना बहुत मुश्किल हैं.

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